भिलाई [न्यूज़ टी 20] यूक्रेन का कहना है कि रूसी हमले के बाद अब तक 3000 सैनिकों की मौत हो चुकी है. यूक्रेन ने पहली बार अपने सैनिकों की मौत के बारे में जानकारी दी है. यूक्रेन का दावा है कि इस युद्ध में रूस के तकरीबन 20 हजार सैनिक मारे गए हैं.

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की का कहना है कि रूस के साथ 50 दिन से ज्यादा चली आ रही जंग में अब तक 3000 यूक्रेनी सैनिकों की मौत हुई है. अमेरिकी टीवी चैनल सीएनएन को दिए इंटरव्यू में जेलेंस्की ने बताया कि 10 हजार से ज्यादा सैनिक घायल हुए हैं. उन्होंने यह भी कहा, “यह कहना मुश्किल है कि उनमें से कितने जिंदा बचे रहेंगे”

यूक्रेनी राष्ट्रपति ने इन संख्याओं की तुलना रूस को हुए नुकसान से की और कहा कि 19000-20000 तक रूसी सैनिकों की मौत हुई है. पश्चिमी देश अनुमान लगा रहे हैं कि रूस के कई हजार सैनिक इस लड़ाई में मारे गए और घायल हुए हैं. हालांकि रूस ने अब तक अलग-अलग रैंक के 1350 सैनिकों और अधिकारियों के मौत की बात स्वीकार की है.

मारियोपोल की मुसीबत इस बीच पूर्वी यूक्रेन में चल रही भीषण लड़ाई के बीच 2800 आम लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया है. दक्षिणी शहर जापोरिझिया में शुक्रवार को 2500 शरणार्थी पहुंचे. इनमें 363 लोग मारियोपोल से आए हैं. यूक्रेन की उप प्रधानमंत्री इरिना वेरेशचुक ने टेलिग्राम पर यह जानकारी दी.

इससे पहले खारकीव के ओब्लास्ट अभियोजन कार्यालय ने बताया कि सात आम नागरिक रूसी सैनिकों के हमले में मारे गए हैं. ये लोग बोरोवा गांव से बस के जरिए बाहर निकल रहे थे. इस हमले में 27 लोग जख्मी भी हुए हैं. रूसी इलाकों में हमला कर रहा है यूक्रेन यूक्रेन की सरकार ने रूस पर टीयू-22 एम3 सुपरसोनिक बॉम्बर विमान का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है.

यूक्रेन के मुताबिक मारियोपोल पर बम बरसाने के लिए इस विमान का इस्तेमाल किया गया है. रूस का दावा है कि शहर के ज्यादातर हिस्से उसके नियंत्रण में हैं. हालांकि लड़ाई अभी भी चल रही है और रूस ने पूरे शहर को कई हफ्तों से घेर रखा है. यहां राहत और बचाव दल के लोग भी नहीं पहुंच पा रहे हैं.

शहर में बड़ी संख्या में आम लोग मुश्किलों का सामना कर रहे हैं. यूक्रेनी राष्ट्रपति का कहना है कि मारियोपोल के बारे में उन्होंने देश के शीर्ष सैन्य कमांडरों और खुफिया एजेंसियों से चर्चा की है. जेलेंस्की ने कहा, “इसका ब्यौरा सार्वजनिक नहीं किया जा सकता लेकिन हम अपने लोगों को बचाने के लिए जो कुछ भी संभव है वो सब कर रहे हैं”

कई शहरों पर बमबारी यूक्रेन के पूर्वी लुहांस्क इलाके में पोपासना और रूबीझने पर भी रूसी बमबारी हो रही है. पूर्वी यूक्रेन के खारकीव पर हुई गोलीबारी में कम से कम 10 लोग मारे गए हैं. यहां 35 लोग घायल भी हुए हैं. क्षेत्रीय अभियोजन कार्यालय ने फेसबुक पोस्ट में इसकी जानकारी दी है.

युक्रेनी सूत्रों का कहना है कि सेवेरोदोनेत्स्क शहर को रूसी हमले में बहुत नुकसान पहुंचा है. शहर के सैन्य प्रशासन के प्रमुख का कहना है कि 70 फीसदी शहर तबाह हो गया है. शहर की प्रमुख सड़कें बुरी तरह टूट गई हैं और यहां पानी की सप्लाई भी बंद हो गई है. मरम्मत के काम के बाद ही इसे चालू किया जा सकेगा.

पूर्वी यूक्रेन में आने वाले दिनों में रूस एक बड़े हमले की तैयारी कर रहा है. यूक्रेन ने भी इलाके में अपने सैनिकों की संख्या बढ़ा दी है. यूक्रेन ने बीते 24 घंटे में रूस के कई टैंकों और आर्टिलरी सिस्टम को ध्वस्त करने का दावा किया है. यह भी पढ़ेंः रूस का जहाज मस्कवा डूबा यूक्रेनी सेना ने कहा है कि रूस ने उत्तर में चेर्निहीव के पास तैनात अपने सैनिकों को अब सेवेरोदोनेत्स्क और लुहांस्क इलाके में भेज दिया है.

लुहांस्क और दोनेत्स्क के इलाके में रूस समर्थित अलगाववादी पहले से ही लड़ रहे हैं, रूस अब उन्हें और मजबूती दे रहा है. पश्चिमी यूक्रेन में लवीव के गवर्नर ने शनिवार सुबह हवाई हमलों की खबर दी है. माकसिम कोजित्स्की ने टेलिग्राम पर बताया है कि बेलारूस के बारानोविची एयरफील्ड से उड़ान भरने वाले रूसी सुखोई 35 विमानों ने लवीव पर मिसाइलों से हमला किया है.

यूक्रेन के एयर डिफेंस सिस्टम ने चार क्रूज मिसाइलों को ध्वस्त कर दिया. कोजित्स्की ने इस हमले में हुए नुकसान का ब्यौरा नहीं दिया है. कीव पर फिर हमला कीव के मेयर विताली क्लित्शको ने बताया है कि शनिवार तड़के सुबह कीव के पूर्वी इलाके दार्नित्स्की में धमाके हुए हैं.

मेयर ने बताया कि राहत और बचाव दल वहां पहुंच गया है और पीड़ितों के बारे में बाद में जानकारी दी जाएगी. उन्होंने शहरवासियों से आग्रह किया है कि वो हवाई हमलों के सायरन पर ध्यान दें. इसके साथ ही राजधानी से बाहर गए लोगों को फिलहाल वापस नहीं आने की सलाह दी है.

कीव के पूर्वी इलाकों में दनीप्रो नदी के पास वाली जगहों से गहरा धुआं उठते हुए देखा गया है. रूसी सेना ने शुक्रवार की रात यूक्रेन के किवोरोहराद इलाके में एक एयरफील्ड को भी निशाना बनाया.ब्रिटेन के प्रधानमंत्री पर प्रतिबंध रूस ने शनिवार को ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन और कई दूसरे वरिष्ठ अधिकारियों को रूस आने पर प्रतिबंध लगाने का एलान किया है.

रूसी विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है, यह कदम रूस को अंतरराष्ट्रीय रूप से अलग थलग करने, हमारे देश के लिए बाधाएं पैदा करने और घरेलू अर्थव्यवस्था का गला घोंटने के मकसद से ब्रिटेन की ओर से चलाए गए बेलागम सूचना और राजनीतिक अभियान के जवाब में लगाया गया है.

यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद ब्रिटेन ने रूस औऱ कई रूसी नागरिकों पर कड़े प्रतिबंध लगाए हैं. रूस ने ब्रिटेन के जिन लोगों पर प्रतिबंध लगाया है उनमें उप प्रधानमंत्री डोमिनिक राब, विदेश मंत्री लिज ट्रस, रक्षा मंत्री बेन वालेस और पूर्व प्रधानमंत्री थिरेसा में भी शामिल हैं.

अगले हफ्ते वाशिंगटन में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और वर्ल्ड बैंक की बैठक होगी इसमें यूक्रेन भी अपने अधिकारियों को भेज रहा है. यहां रूसी हमले के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था पर पड़े असर के बारे में चर्चा होगी. जर्मनी के कानून मंत्री ने कहा है कि यूक्रेन के टैंक और दूसरे भारी हथियारों की सप्लाई का मतलब रूस के खिलाफ युद्ध में शामिल होना नहीं है.

जर्मनी युद्ध की शुरुआत से ही इस दुविधा में है कि यूक्रेन को कौन से हथियार दिए जाएं. यूक्रेन उस पर टैंक, लड़ाकू विमान, हेलीकॉप्टर जैसे भारी हथियारों के लिए दबाव बना रहा है. चांसलर ओलाफ शॉल्त्स ने भारी हथियारों के सप्लाई का वचन देने से मना कर दिया है हालांकि गठबंधन सरकार के भीतर से ही यूक्रेन को मजबूत सैन्य सहायता देने के लिए आवाजें उठ रही हैं.

जर्मन सरकार ने शुक्रवार को कहा कि वह यूक्रेन को एक अरब यूरो से ज्यादा की सैन्य सहायता देने की योजना बना रही है. इस साल के सप्लीमेंट्री बजट में इस रकम को शामिल किया जायेगा. जर्मनी का कहन है कि उसने रक्षा क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सहयाता को बढ़ा कर दो अरब यूरो करने का फैसला किया है. इसका ज्यादातर हिस्सा यूक्रेन को सैन्य सहायता के रूप में दी जाएगी. 

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