भिलाई [न्यूज़ टी 20] Shocking बचपन से इंसान घर से बाहर जाते समय पैरों को सुरक्षित रखने के लिए जूते-चप्पल का इस्तमाल करता आ रहा है। मगर भारत का एक ऐसा गावं है जहां आज भी जूते – चप्पल पहनने पर पाबंदी है। यहां सभी लोग नंगे पांव घूमते हैं। अगर कोई भी गावं के भीतर जूते या चप्पल पहनकर घूमते दिखता है तो उसे सजा दी जाती है।

तमिलनाडु के इस गांव में है ये परंपरा

भारत के तमिलनाडु प्रदेश की राजधानी चेन्नई से करीब 450 किलोमीटर दूर अंडमान नाम का एक गांव है। जहां करीब 130 परिवार निवास करते हैं और इनमें से अधिकतर किसान हैं। गांव के एंट्री पॉइंट पर एक बड़ा पेड़ है जिसकी पूजा की जाती है।

इससे आगे किसी को भी जूते या चप्पल पहनकर जाने की इजाजत नहीं है। अगर कोई बाहर से गांव में आ रहा है तो उसे यहीं पर अपने जूते-चप्पल उतारने होते हैं। इसके अलावा गांव में भी लोग नंगे पांव ही चलते हैं।

पूरा गावं है भगवान का घर

इस अनोखे गावं में नंगे पावन चलने की प्रथा के पीछे धार्मिक मान्यताओ की वजह है। दरअसल, यहां के लोग गांव की पूरी जमीन को ही पवित्र मानते हैं और इसे भगवान का घर मानते हैं। यही वजह है कि वो रोड पर भी नंगे पांव चलते हैं, फिर चाहे कितनी भी धूप ही क्यों न हो. गांव वालों का कहना है कि अगर जूते-चप्पल पहनकर हम रोड पर चलेंगे तो भगवान रूठ जाएंगे।

इस परिस्थिति में मिलती है छूट

इस गांव में निवास करने वालों का कहना है कि यहां रहने वाले करीब 500 लोगों में सिर्फ अधिक बुजुर्ग लोगों को ही अधिक गर्मी होने पर दोपहर के समय जूते-चप्पल पहनकर चलने की इजाजत दी जाती है। इनके अलावा कोई भी अगर नियम तोड़ता है तो उन्हें पंचायत सजा देती है।

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