भिलाई [न्यूज़ टी 20] दुर्ग / मेरी उम्र 85 साल हो गई है। घर में अकेले ही रहता हूँ। अस्पताल तक पहुंचने का कोई साधन नहीं। तबियत खराब हो तो किसे कहता। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार आई और बड़ी चिंता से मुक्ति मिल गई। उन्होंने एक बस शुरू कर दी है।

इस बस में पूरा अस्पताल चलता है। बस के अंदर घुसो तो ऐसा लगता है कि अस्पताल में आ गये हैं। डाक्टर बिठाते हैं और विस्तार से जानकारी लेते हैं। फिर जरूरी पड़ने पर टेस्ट कराते हैं और दवा दे देते हैं। किसी तरह की तकलीफ हो तो दवा निःशुल्क मिल जाती है।

यह कहना है कि खुर्सीपार के चंद्रशेखर आजाद नगर निवासी फकीर लम्हा का। लम्हा ने बताया कि दो बातें बहुत अच्छी हुई हैं इस बस के आने से। पहला तो ये कि अस्पताल जाने का झंझट नहीं, लाइन लगने का भी झंझट नहीं।

घर के पास दो कदम चलो और अस्पताल की सुविधा मिल गई। दूसरा दवाइयों का खर्च बच गया। उन्होंने बताया कि एक बात और भी अच्छी हुई जिसे मैं कहना भूल रहा था वो ये कि जांच करने लैब नहीं जाना पड़ता। पहले टेस्टिंग के लिए लैब जाना पड़ता था।

डाक्टर बहुत सारे टेस्ट लिख देते थे जितना डाक्टर की फीस नहीं और दवाओं का खर्चा नहीं, उससे ज्यादा पैसा तो टेस्ट में लग जाता था। भिलाई निगम आयुक्त प्रकाश सर्वे ने बताया कि मोबाइल मेडिकल यूनिट इलाके के लोगों के लिए वरदान साबित हुई है।

इसके दो लाभ हुए हैं लोगों को घर के पास ही इलाज की सुविधा हो गई है। सामान्यतः देखा गया है कि छोटी-छोटी मेडिकल दिक्कत आने पर लोग अस्पताल नहीं जाना चाहते क्योंकि दूरी काफी होती है ओपीडी में लाइन लगना पड़ता है।

घर के पास ही मोबाइल वैन आ जाती है तो वे चेकअप करा लेते हैं। इसका लाभ यह होता है कि समस्या आरंभिक रूप से ही चिन्हांकित हो जाती है और इसका जल्द इलाज आरंभ होने से समस्या विकराल रूप नहीं ले पाती।

इसकी वजह से अस्पतालों में ओपीडी में जाने वाले कुछ लोग इधर डायवर्ट हुए हैं इसके चलते वहां भी चिकित्सकों को अपने मरीजों के लिए पर्याप्त समय है और वे काफी ध्यान से और बारीकी से उनका परीक्षण कर सकते हैं।

Share on

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *