भिलाई [न्यूज़ टी 20] Tax saving : यदि आप एक सेलरी वाले व्यक्ति हैं और सोचते हैं कि ” एडवांस टैक्स” का नियम आप पर लागू नहीं है, तो आप गलत हैं. आय के प्राथमिक स्रोत के रूप में वेतन रखने वाला व्यक्ति एडवांस टैक्स के लिए एप्लीकेबल हो सकता है
लेकिन उसके पास आय के दूसरे सोर्स भी होने चाहिए, जैसे जमा से ब्याज, किराये की आय, पूंजीगत लाभ आदि. आइए समझते हैं कि आप अपनी एडवांस टैक्स देयता का आकलन कैसे कर सकते हैं.
एडवांस टैक्स पेमेंट वित्तीय वर्ष से पहले टैक्स पे करने की प्रक्रिया है, जो आप उस वर्ष कमाने वाले होते हैं. यह चार किस्तो में जमा होता है. टैक्सपेयर से आम तौर पर एक किस्त में टैक्स जमा करने की उम्मीद नहीं की जाती है.
टैक्सपेयर को 15 फीसदी, 45 फीसदी, 75 फीसदी और 100 फीसदी की किस्तों में क्रमशः 15 जून, 15 सितंबर, 15 दिसंबर और 15 मार्च से पहले किस्तों में अपना एडवांस टैक्स जमा करना होता है.
एडवांस टैक्स की गणना कैसे
एडवांस टैक्स की गणना के लिए टैक्सपेयर को साल भर के दौरान होने वाली कुल इनकम का अनुमान लगाना होता है. इसी पर उसे एडवांस टैक्स देना होता है. पिछले साल की इनकम के स्तर में बदलावों को समायोजित करते हुए ब्याज दर में बदलावों,
प्रॉपर्टी से मिलने वाले किराये आदि को शामिल किया जाता है. ये इनकम फॉर्म 26एएस (Form 26AS) में दिख जाते हैं. इसमें साल के दौरान इनवेस्टमेंट से हुई इनकम को शामिल कर लीजिए. चुकाया गया कर और कंप्लायंस से जुड़ी जानकारियां Form 26AS में शामिल होती हैं.
कौन भर सकता है
अगर आप फ्रीलांसर, सैलरीड एवं बिजनेस करते हैं और आपकी सालाना कमाई पर टैक्स की देनदारी 10000 से अधिक बनती हो तो एडवांस टैक्स भरना होता है. सीनियर सिटीजन (60 वर्ष या उससे ज्यादा उम्र के)
जिनको बिजनेस या प्रोफेशन से कोई इनकम नहीं है तो उन्हें एडवांस टैक्स से छूट मिलती है. इसके अलावा, जिस सैलरीड व्यक्ति की वेतन के अलावा कोई कमाई नहीं है, उसे एडवांस टैक्स नहीं देना होता है.