भिलाई [न्यूज़ टी 20] नई दिल्ली: श्रीलंका में आर्थिक संकट के कारण शुरू हुए आंदोलन ने अब उग्र रूप ले लिया है. देश की राजधानी कोलंबो समेत विभिन्न जिलों में लोग सड़क पर उतर कर उग्र प्रदर्शन कर रहे हैं. पुलिस भीड़ को नियंत्रित करने में विफल साबित हो रही है.

सरकार के खिलाफ तेज हो रहे विरोध के मद्देनजर श्रीलंका में गुरुवार की सुबह तक देशव्यापी कर्फ्यू लगा दिया गया था. इस बाबत कार्यवाहक राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने बुधवार को अधिसूचना जारी की थी. कर्फ्यू 14 जुलाई को सुबह 5 बजे तक लागू थी. 

श्रीलंका में जारी आंदोलन से जुड़े अपडेट

राष्ट्र में तेज हो रहे आंदोलन के बीच श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के यात्रा करने का दौर जारी है. राजपक्षे, जो बुधवार को हंगामा तेज होने के बाद मालदीव भाग गए थे, अब आगे सिंगापुर की यात्रा करने की तैयारी कर रहे हैं. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स ने इस बात की जानकारी दी.

‘डेली मिरर’ ने सूत्रों के हवाले से बताया कि राष्ट्रपति की अपनी पत्नी इओमा राजपक्षे और दो रक्षा अधिकारी के साथ बीती रात एसक्यू 437 पर माले से सिंगापुर के लिए रवाना होने की उम्मीद थी, लेकिन सुरक्षा मुद्दों के कारण विमान में नहीं चढ़े. मालदीव मीडिया की मानें तो विवादों में घिरे राष्ट्रपति को प्राइवेट जेट उपलब्ध कराने की बात चल रही है. 

बता दें कि कर्फ्यू के बाबत बुधवार को जारी अधिसूचना में कहा गया था कि कोई भी व्यक्ति किसी भी सार्वजनिक सड़क, रेलवे, सार्वजनिक पार्क, सार्वजनिक मनोरंजन मैदान या अन्य सार्वजनिक मैदान या समुद्र के किनारे पर निर्धारित क्षेत्रों में 13 जुलाई की मध्यरात्रि से 14 जुलाई की सुबह 5 बजे तक इकट्ठा नहीं होगा. 

विक्रमसिंघे ने बुधवार को आपातकाल की घोषणा की और देश के पश्चिमी प्रांत में कर्फ्यू लगा दिया क्योंकि प्रदर्शनकारी विक्रमसिंघे के आवास के बाहर जमकर हंगामा कर रहे थे. इधर, मौके पर तैनात सुरक्षा बलों द्वारा आंसू गैस के गोले दागे गए. साथ ही पीएम आवास के आसपास हवाई पेट्रोलिंग भी शुरू की गई है.

आंदोलन के बीच श्रीलंका के विपक्षी नेताओं ने प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे से राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे से पहले पद छोड़ने की मांग की है. मीडिया में आई एक खबर में यह कहा गया है. राजपक्षे ने बुधवार को पद से इस्तीफा देने का वादा किया है. 

न्यूज फर्स्ट चैनल की खबर के मुताबिक, तमिल नेशनल अलायंस (टीएनए) के सांसद एम.ए. सुमंतीरन ने कहा कि इस सिलसिले में फैसला एक सर्वदलीय बैठक में लिया गया जिसमें सरकार में शामिल दलों के नेताओं को छोड़कर अन्य सभी नेता शरीक हुए.

उन्होंने कहा कि बैठक में आम सहमति से फैसला लिया गया। एक फैसला विक्रमसिंघे के शीघ्र इस्तीफे की मांग से संबद्ध है, जबकि अन्य फैसलों में स्पीकर से यह आग्रह करना शामिल है कि वह राष्ट्रपति के इस्तीफे के प्रभावी होने से पहले प्रधानमंत्री को बर्खास्त करें.

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति राजपक्षे बुधवार को देश छोड़ कर मालदीव भाग गए, जहां से उन्होंने प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे को कार्यवाहक राष्ट्रपति नियुक्त किया.

स्पीकर महिंदा यापा अबेयवारदेना ने कहा है कि राष्ट्रपति राजपक्षे ने टेलीफोन पर उन्हें सूचित किया कि वह वादे के मुताबिक आज इस्तीफा देंगे. उन्होंने कहा कि नए राष्ट्रपति के लिए मतदान 20 जुलाई को होगा. 

मौजूदा समय में श्रीलंका एक अभूतपूर्व आर्थिक संकट का सामना कर रहा है. देश में लाखों लोग भोजन, दवा, ईंधन और अन्य आवश्यक वस्तुओं की किल्लत झेल रहे हैं. प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे ने पिछले हफ्ते कहा था कि श्रीलंका अब एक दिवालिया देश हो गया है.

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