भिलाई [न्यूज़ टी 20] रूस और यूक्रेन जंग को 100 दिन पूरे होने वाले हैं. इस जंग की वजह से जहां दुनिया के ज्यादातर देश रूस पर राजनीतिक और आर्थिक प्रतिबंध लगा रहे हैं. वहीं, भारत इस देश के साथ तेल आयात लगातार बढ़ा रहा है.
वित्तीय बाज़ार और इन्फ़्रास्ट्रक्चर से जुड़े डेटा देने वाला अमेरिकी-ब्रिटिश प्रोवाइडर रीफिनिटिव के अनुमान के अनुसार, भारत का रूस से कच्चे तेल का आयात
मई में 30.36 लाख मीट्रिक टन पहुंच गया. यह पिछले साल रूस से भारत आए मासिक औसत कच्चे तेल 382,500 मीट्रिक टन से नौ गुना ज़्यादा है. रीफिनिटिव के अनुसार, यूक्रेन पर हमले के बाद से भारत रूस से 40.8 लाख मीट्रक टन तेल ले चुका है.
रूस की उरल्स ऑयल अभी तेल क़रीब 95 डॉलर प्रति बैरल के हिसाब बेच रही है. दूसरी तरफ अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में तेल की क़ीमत 119 डॉलर प्रति बैरल है. भारत उन देशों में शामिल है, जिन्होंने रूस के खिलाफ प्रतिबंधों की घोषणा नहीं की है.
ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, कनाडा समेत कई पश्चिमी देशों ने पहले ही रूसी कच्चे तेल के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया, तो खुद रूस ने कई देशों को शर्तों को पूरा न करने के कारण सप्लाई रोक दी है. इस कारण पूरी दुनिया में तेल और गैस के दाम में जबरदस्त उछाल देखा गया.
इसी को काटने के लिए रूस ने सस्ते दाम पर अपने तेल और गैस को बेचना शुरू कर दिया. इसका फायदा भारत समेत कई देशों ने उठाया है. बता दें कि भारत की सरकारी तेल कंपनियां भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड, हिंदुस्तान पेट्रोलियम,
इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन और मैंगलोर रिफाइनरी ने रूस के कच्चे तेल की खरीद की है. भारत पेट्रोलियम ने ट्रेडर ट्रैफिगुरा से 2 मिलियन बैरल रूसी तेल को खरीदा है. भारत पेट्रोलियम नियमित रूप से कोच्चि रिफाइनरी के लिए 310,000 बैरल प्रति दिन के हिसाब से कच्चे तेल की खरीद कर रहा है.
वहीं, भारत पेट्रोलियम ने भी मई में 2 मिलियन बैरल रूसी कच्चे तेल की खरीद की है. इंडियन ऑयल ने तो 24 फरवरी के बाद से रूस से 6 मिलियन बैरल से अधिक तेल की खरीद की है. इनके अलावा भारतीय निजी रिफाइनरी नायरा एनर्जी भी तेल की खरीद कर रही है.