( बी डी निज़ामी भिलाई )

भिलाई / रायपुर (न्यूज़ टी 20 ) । छत्तीसगढ़ के खेल पटल पर बहुत जल्द एक नए खेल का उदय हो सकता है , जिसका नाम है स्टैंड बॉल । बिलासपुर शासकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालय के विख्यात स्पोर्ट्स ऑफिसर रहे स्वर्गीय हिदायत अली ने इस खेल की कल्पना लगभग 35 साल पहले 1985 में कर ली थी ।

उन्होंने ही इसके नियम भी बनाए । लगभग 14 साल पहले वर्ष 2008 में इस खेल की विधिवत शुरुआत भी हो चुकी है , लेकिन अफसोस है कि प्रदेश तथा देश में अप्रूवल ना मिल पाने की वजह से यह खेल अभी भी खिलाड़ियों की पहुंच से दूर नजर आ रहा है।

खास बात ये है कि स्टैंड बॉल के जनक स्वर्गीय हिदायत अली के सुपुत्र जावेद अली बिलासपुर में 2008 से 2011 तक लगातार 4 टूर्नामेंट भी करा चुके हैं , जिसमें इस खेल की झलक खेल प्रेमियों ने न सिर्फ देखी है , बल्कि सराहा भी है ।

लेकिन कालांतर में स्टैंड बॉल को वह मुकाम नहीं मिल पाया जिसका कि वह हकदार है । वजह साफ है की स्टैंड बॉल को अभी तक कोई रहनुमा या स्पॉन्सर नहीं मिल पाया है जो इसे समय की गर्त से निकालकर खेल प्रेमियों तक पहुंचा सके ।

कैसे खेला जाता है स्टैंड बॉल

इस खेल में 5 मीटर के सर्किल के अंदर एक बास्केट लगा दी जाती है , जिसमे बॉल को बास्केट ( स्टैंड) करना होता है । 5 मीटर के सर्किल के बाद एक और सर्किल होता है जो कि 10 मीटर का होता है ।

इस 10 मीटर के राउंड सर्किल के अंदर दोनों टीमों के नौ – नौ खिलाड़ी बाल को बास्केट में डालने की जद्दोजहद करते हैं और जो टीम बाल को ज्यादा बार बास्केट में स्टैंड करती है ,

वह टीम जीत की हकदार बन जाती है । वैसे तो दोनों टीमों में 15 – 15 खिलाड़ी होते हैं लेकिन एक समय में सिर्फ 9-9 खिलाड़ियों को भी खेल के दौरान मैदान में अंदर रहने की अनुमति होती है, अन्य 6 खिलाड़ी रिप्लेसमेंट के लिए होते हैं ।

दिलचस्प बात यह है कि इस खेल में फाउल , थ्रो, dribling और गोल सब कुछ है और मैच ड्रा होने की स्थिति में इसमें पेनाल्टी सूट जैसी प्रक्रिया भी है जो कि निर्णायक होती है । मैच के दौरान मैदान के अंदर एक रेफ्री होता है जबकि मैदान के बाहर दो होते हैं ।

फुटबॉल, बास्केटबॉल और वॉलीबॉल की तर्ज पर इस स्टैंड बॉल खेल का रोमांच अन्य खेलों की तुलना में कहीं भी कम नहीं है । बहुत जल्द एक बार फिर बिलासपुर में ही दो दिवसीय टूर्नामेंट होने वाला है , जिसमें छत्तीसगढ़ की कम से कम 4 टीमें हिस्सा लेंगी ।

प्रदेश के खेल प्रेमी लगभग 6 साल बाद दोबारा खिलाड़ियों को स्टैंड बॉल खेलते हुए देख सकेंगे । बिलासपुर के बाद स्टैंड बॉल का एक और टूर्नामेंट प्रदेश की खेल धानी भिलाई में भी आयोजित करने की चर्चा भी शुरू हो चुकी है ।

अपने जमाने के मशहूर शतरंज,व्हालीबॉल, लॉन टेनिस, बैडमिंटन, मैराथन खिलाड़ी, साहित्यकार , एथलीट और इस खेल के जनक स्व हिदायत अली की कल्पना को अमलीजामा पहनाने में लगे उनके

सुपुत्र जाविद अली और बहू डॉ शाजिया अली की मेहनत क्या रंग लाती है , यह तो समय ही बताएगा । लेकिन अगर सब कुछ ठीक रहा तो छत्तीसगढ़ को एक नया खेल मिल जाएगा ,

जो कि विशुद्ध रूप से छत्तीसगढ़ की उत्पत्ति होगी । जिसका लाभ निसंदेह प्रदेश के खेल प्रेमियों को भी मिलेगा । आइए इस खेल की एक झलक हम इस वीडियो में देख कर इस खेल को समझने की कोशिश करते हैं….

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