कोरबा। गेवरारोड स्टेशन में कोयला लोडिंग करने साइडिंग में पटरी बदलते हुए खाली मालगाड़ी के दो वैगन पटरी से उतर गए। जानकारी मिलते ही रेस्क्यू टीम पहुंची और लगभग चार घंटे तक चले कार्य के बाद वैगन को पटरी पर लाए। इसके बाद साइडिंग में कोयला लदान शुरू हुआ। साथ ही मालगाड़ियों का परिचालन शुरू हुआ। घटना की वजह ट्रेक पर कोयला गिरना बताया जा रहा है।





साउथ इस्टर्न कोलफिल्डस लिमिटेड (एसईसीएल) की कुसमुंडा खदान से उत्खनित कोयला को गेवरा रोड़ स्टेशन के समीप बने साइडिंग से मालगाड़ी में लदान कर अन्यत्र भेजा जाता है। शुक्रवार को कोरबा स्टेशन से कोयला लोड करने कुसमुंडा साइडिंग भेजी गई थी। गेवरारोड स्टेशन के समीप साइडिंग में कोयला लोड करने के लिए मालगाडी को पटरी बदल कर प्लेसमेंट किया जा रहा था। इस दौरान अचानक मालगाड़ी के दो वैगन बेपटरी हो गए। जानकारी मिलते ही चालक ने मालगाड़ी रोक दी और घटना की जानकारी कोरबा स्टेशन में दी। सूचना मिलते ही स्टेशन से रेस्क्यू टीम को रवाना किया गया। आठ बजे से मालगाड़ी के वैगन को पटरी पर लाने की कवायद शुरू की गई और लगातार चार घंटे कार्य करने के बाद दोनों वैगन को पटरी पर लाए। इसके बाद मालगाड़ी को प्लेसमेंट कर साइडिंग में लगा कर कोयला लदान किया गया। घटना की वजह से मालगाड़ियों का परिचालन बंद हो गया। डिरेल होने की वजह से एक साथ दो लाइन ब्लाक हो गई और तीसरे लाइन में भी आवागमन प्रभावित हुआ। वैगन उठाने के बाद रेलवे कर्मियों ने राहत की सांस ली और मालगाड़ियों का परिचालन शुरू हुआ। 

ज्ञात हो कि कोरबा रेलखंड में सात दिन के भीतर यह दूसरी घटना है। इसके पहले बालपुर स्टेशन में बिलासपुर से कोरबा आ रही एक खाली मालगाड़ी के एक वैगन के पहिया बेपटरी हो गया था। घटना में बालपुर स्टेशन का प्लेटफार्म क्षतिग्रस्त हो गया। वहीं बिलासपुर, चांपा से कोरबा आने वाली मालगाड़ियो का परिचालन प्रभावित हुआ। साथ ही रायपुर से कोरबा आ रही मेमू लोकल को चांपा में निरस्त करना पड़ा और कोरबा से इतवारी जा रही शिवनाथ पैसेंजर कम एक्सप्रेस को विलंब से चलाना पड़ा। सात घंटे लगातार कार्य करने के बाद रेस्क्यू टीम में शामिल तकनीकी कर्मियों ने वैगन को वापस पटरी पर लाया। इसके बाद रात एक बजे से डाउन में मालगाड़ियों का परिचालन शुरू हो सका।

विद्युत संयंत्रों में कोयला आपूर्ति करने का दबाव रेल प्रबंधन पर बना हुआ है। इसलिए सवारी ट्रेन बंद कर ज्यादा मालगाड़ियों का परिचालन किया जा रहा है। कोयला लोडिंग कर मालगाड़ी लगातार दौड़ रही है और इससे दुर्घटनाएं भी अब होने लगी है। वहीं मालगाड़ी में लोड कोयला साइडिंग में गिर रहा है। चूंकि दूसरी मालगाड़ी साइडिंग में लगाया जाना है, इसलिए पटरी की सफाई भी नहीं हो रही है। इससे कोयला के चूरा में पटरी दब गई है। बताया जा रहा है कि कुसमंडा क्षेत्र में हुई घटना भी कोयला का चूरा पटरी में गिरने की वजह से हुई है।

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