राजनीती। News T20: कांग्रेस सांसद धीरज साहू से जुड़े ठिकानों से आयकर विभाग ने भारी मात्रा में नकद बरामद किये हैं. इस छापेमारी ने राजनीतिक गलियारे में हलचल मचा दी है. भारी खजाना, धन का ठिकाना आयकर विभाग ने खोज निकाला है।
आपको बता दें कि 30 बड़ी अलमारियां पैसे से भरे हुवे और बैगों में नोट मिले हैं, जिनकी गिनती जारी हैं।अनुमान लगाया जा रहा की आंकड़ा 300 करोड़ से पार भी हो सकता है।
सूत्रों के अनुसार पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के दौरान जांच एजेंसियों की नजर चुनावी खर्च और पैसों के लेन-देन पर टिकी थी। चुनाव के समय से ही अलग-अलग राज्यों में व्यवसायी और राजनीतिक करीबियों पर जांच एजेंसी नजर बनाई हुई थी। इसी कड़ी में एक महीने पूर्व मध्य प्रदेश और चार महीने पहले राजस्थान में आइटी की छापामारी हुई। जानकारी के मुताबिक धीरज साहू से जुड़ी कंपनियों पर भी जांच एजेंसी की नजर थी। मध्य प्रदेश के सोम डिस्टिलरी और राजस्थान में एक दल के करीबी कल्पतरु नाम की कंपनी पर छापामारी की गयी। यहां से आयकर विभाग को कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले।
यहां पर सवाल यह है कि आखिर किसके इशारे पर बड़े पैमाने पर नकद किया जा रहा था जमा ?
छत्तीसगढ़-तेलंगाना में हो सकता था इस पैसे का इस्तेमाल
इधर धीरज साहू की कंपनियों को नकद जमा करने का संभवत: निर्देश था। सूत्रों के अनुसार, यह अनुमान लगाया जा रहा था कि छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में किसी भी दल की सरकार न बने। स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने से सूरत में जोड़-तोड़ की सरकार बनती। खरीद-फरोख्त की नौबत आती, तो इन पैसों का इस्तेमाल किया जाता।
- अब जांच एजेंसी यह पता लगाने में जुटी है कि आखिर किस कारण से कंपनी बैंक में पैसे जमा नहीं करा रही थी। जांच एजेंसी का मानना है कि यह राशि महीने-दो महीने के शराब की नियमित बिक्री की हो सकती है। बैंक में पैसे जमा कराने के बाद उसे निकालकर खर्च करना मुश्किल था। ऐसी परिस्थिति में पैसे को इकट्ठा करना ही सही समझा गया होगा।