भिलाई [न्यूज़ टी 20] लंदन / अब तक ब्रिटेन की गिनती दुनिया के उन देशों में होती थी, जिसने खुद को लोकतंत्र और मानव अधिकारों का चैम्पियन साबित करने के लिए पिछले कुछ दशकों में दूसरे देशों से आए लोगों को अपने यहां शरण दी.

लेकिन अब ब्रिटेन ने ऐलान किया है कि वो ऐसे लोगों को अपने देश में रहने की इजाजत नहीं देगा, जिन्होंने अवैध तरीके से ब्रिटेन में प्रवेश किया है. इसके लिए ब्रिटेन ने रवांडा की सरकार से डील की है. इसके तहत रवांडा की सरकार ब्रिटेन में रहने वाले अवैध प्रवासियों को अपने यहां शरण देगी.

जिसके एवज में ब्रिटेन सरकार को रवांडा सरकार को 1100 करोड़ रुपये देगी. ब्रिटेन ने रवांडा की सरकार के साथ एक डील साइन की है, जिसके तहत ब्रिटेन रवांडा में 140 मिलियन डॉलर यानी 1100 करोड़ रुपये का निवेश करेगा.

इसके बदले में रवांडा की सरकार को अपने देश में ब्रिटेन के अवैध प्रवासियों को शरण देनी होगी. जिन अवैध प्रवासियों को ब्रिटेन से रवांडा भेजा जाएगा, उन्हें ब्रिटेन की सरकार से सिर्फ एक ही मदद मिलेगी. ब्रिटेन सिर्फ इनके लिए लंदन से रवांडा तक की फ्लाइट का वन वे टिकट मुहैया कराएगा.

रवांडा के लिए पहली फ्लाइट कैंसिल

इस बीच ब्रिटेन से रवांडा के लिए जो पहली फ्लाइट रवाना होनी थी, उसे अभी के लिए टाल दिया गया है. लेकिन ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बॉरिस जॉनसन ने कहा है कि उनकी सरकार की मंशा स्पष्ट है और वो ऐसा करके उन गैंग्स को खत्म करना चाहते हैं, जो समुद्र के रास्ते अवैध तरीके से लोगों का ब्रिटेन में प्रवेश करा रहे हैं.

रवांडा सरकार ही लेगी अंतिम फैसला

हालांकि, इसमें खास बात ये है कि इन लोगों को रवांडा में शरण दी जाएगी या नहीं, इसका फैसला भी रवांडा की सरकार पर ही निर्भर करेगा. यानी अगर रवांडा की सरकार किसी व्यक्ति को अपने देश में शरण नहीं देना चाहती,

तो उस व्यक्ति को पांच साल तक रवांडा में रहने की इजाजत होगा. इसके बाद उस व्यक्ति को अपने लिए नए देश की तलाश करनी होगी और रवांडा को भी छोड़ कर जाना होगा. इसके लिए दोनों देशों के बीच एक डील हुई है.

प्रवासियों को क्यों बाहर निकाल रहा ब्रिटेन?

ब्रिटेन अपने देश से इन अवैध प्रवासियों को इसलिए बाहर निकाल रहा है, क्योंकि वो हर साल इन लोगों के रखरखाव और इनकी देखभाल पर 14 हजार करोड़ रुपये खर्च करता है. इसके अलावा शरणार्थियों को रहने के लिए जो जगह दी जाती है,

उस पर भी ब्रिटेन की सरकार की सरकार हर दिन 39 करोड़ रुपये खर्च करती है. यानी इस तरह से देखें तो ब्रिटेन ने रवांडा की सरकार से जो सौदा किया है, उसमें उसे सीधे सीधे हजारों करोड़ों रुपये का फायदा हो रहा है.

दुनिया के सबसे गरीब देशों में होती है रवांडा की गिनती

बता दें कि रवांडा की गिनती दुनिया के सबसे गरीब देशों में होती है. रवांडा की कुल आबादी एक करोड़ 30 लाख है. जिसमें से लगभग 40 प्रतिशत आबादी गरीबी रेखा के नीचे है. रवांडा 26 हजार 338 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला है. ये भारत के मेघालय राज्य से थोड़ा ही बड़ा है.

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