भिलाई [न्यूज़ टी 20] वॉशिंगटन. अमेरिका के न्यूयॉर्क के बफेलो में कुछ दिन पहले और मंगलवार टेक्सास के उवाल्डे में हुई गोलीबारी का जवाब देने का डेमोक्रेट का पहला प्रयास नाकाम रहा. दरअसल, यूएस कांग्रेस रिपब्लिकन ने घरेलू आतंकवाद बिल को रोक दिया है.
इस बिल के आने से घृणा अपराधों और बंदूक सुरक्षा से जुड़े कठिन सवालों पर बहस शुरू हो जाती. सीनेट में बहुमत के नेता चक शूमर ने रिपब्लिकन को घरेलू आतंकवाद बिल लाने के लिए मनाने की कोशिश की.
रिपब्लिकन ने पिछले हफ्ते न्यूयॉर्क के बफेलो में एक किराने की दुकान और दक्षिणी कैलिफोर्निया के एक चर्च में बड़े पैमाने पर गोलीबारी के बाद घरेलू आतंकवाद बिल लाने के लिए सदन को मंजूरी दे दी थी. उन्होंने कहा था कि यह विधेयक बातचीत का आधार बन सकता है.
सिर्फ एक रिपब्लिकन सांसद ने पक्ष में किया वोट
इस बिल पर वोटिंग के दौरान रिपब्लिकन ने पार्टी लाइन पर इसका समर्थन नहीं किया, और यह बिल सिनेट से पास होने में विफल रहा. इसके साथ ही बंदूक सुरक्षा उपायों को लेकर सिनेट में बहस की संभावना लगभग टल गई,
और फिर से बहस शुरू करने को लेकर एक संदेह पैदा हो गया. इस मामले में अब अंतिम समझौता बाइडन प्रशासन को ही करना होगा. इस बिल के लिए अंतिम वोट 47-47 रहा, जबकि बिल को पास होने के लिए 60 वोट की जरूरत थी.
मेन (Maine) की सीनेटर सुसान कॉलिन्स इस बिल के पक्ष में मतदान करने वाली एकमात्र रिपब्लिकन थीं. शूमर ने वोटिंग से पहले कहा था, “हम में से कोई भी किसी भ्रम में नहीं है, यह आसानी से पास होगा.”
बिल की अस्वीकृति ने अमेरिका में बड़े पैमाने पर गोलीबारी की घटना पर रोक लगाने के प्रयास को विफल कर दिया. सीनेट ने बफेलो और कैलिफोर्निया में गोलीबारी का जवाब देने के लिए हिंसा के खिलाफ एक कानून लाया था,
जो मतदान के दौरान संघर्ष करते हुए असामान्य स्थिति में पहुंच गया. जबकि अभी हाल ही में टेक्सास के एक प्राथमिक विद्यालय में नरसंहार की बड़ी घटना हुई, जिसमें 19 बच्चे और दो शिक्षक मारे गए.
शूमर ने कहा कि वह अगले 10 दिनों में लगभग दो सप्ताह सीनेट में द्विदलीय बातचीत करेंगे और हमारी कोशिश होगी कि कांग्रेस एक समझौता विधेयक तैयार करे जो 50-50 वोटों के साथ सीनेट से पारित कर सके.
हालांकि, यहां जरूरी 60 वोटों को दूर करने की आवश्यकता होगी, क्योंकि लंबे समय तक भाषण जैसी कार्रवाई जो तकनीकी रूप से आवश्यक प्रक्रियाओं का उल्लंघन नहीं करते हुए सिनेट में प्रगति को बाधित करती है, इस पर काबू पाने की जरूरत है.