दुर्ग / कलेक्टर पुष्पेन्द्र कुमार मीणा ने आज की सप्ताहिक समय-सीमा की बैठक में जिले में बेरोजगारी भत्ता योजनांतर्गत भरे जा रहे ऑनलाईन आवेदनों पर उपस्थित संबंधित अधिकारियों से जानकारी ली। उन्होंने कहा कि जिन-जिन युवाओं का 2 वर्ष पूर्व का पंजीयन जीवित है उन्हें क्लस्टर के सदस्य व्यक्तिगत तौर पर फोन में संपर्क करेंगे और रोजगार पंजीयन से संबंधित वांछित जानकारी मुहैया कराएंगे ताकि ज्यादा से ज्यादा युवा इस योजना का लाभ ले सकें। आवेदन करने वाले युवाओं को संपर्क कर आवेदन की वस्तुस्थिति की सूचना भी दी जाएगी।
कोई भी आवेदक न छूटे इसके लिए क्लस्टर में ऑपरेटर के साथ-साथ और अन्य सदस्यों की संख्या बढ़ाई जाएगी ताकि प्रत्येक आवेदक को व्यक्तिगत रूप से संपर्क किया जा सके। यदि आवेदन में किसी वांछित दस्तावेज की कमी है तो उसे शीघ्र से शीघ्र पूर्ति करने के लिए उन्हें कमी से अवगत कराया जाएगा। कलेक्टर ने उपस्थित अधिकारियों को स्पष्ट किया कि बेरोजगारी भत्ता योजना युवाओं को केन्द्र में रखकर शुरू किया गया है। क्योंकि इस योजना से पंजीयन करा रहे बेरोजगारों को कौशल विकास का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा, जिससे उन्हें रोजगार प्राप्त करने में सहायता मिलेगी।
इसलिए सभी संबंधित अधिकारी अपने स्तर पर इस योजना को सफल बनाने की दिशा में कार्य करे। उन्होंने जिला रोजगार अधिकारी राजकुमार कुर्रे से प्राप्त आवेदनों के संबंध में चर्चा की। जिसमें उन्होंने बताया कि वर्तमान आंकड़ें के अनुसार 3 हजार 307 आवेदन प्राप्त हुए हैं जिन्हें भौतिक सत्यापन और बैंक खाते के मिलान के लिए अग्रिम कार्यवाही हेतु प्रेषित किया गया है।
बैठक में बारिश के पूर्व शहरी क्षेत्र के प्राकृतिक जल स्त्रोत जैसे तालाब व कुंए इत्यादि के रिस्टोरेशन व गहरीकरण की बात पर जोर दिया गया ताकि वाटर रिचार्ज द्वारा जल स्तर में सुधार लाया जा सके। इसके साथ ही ग्रीष्म ऋतु को देखते हुए आमजन के लिए पानी आपूर्ति को लेकर नगर निगम आयुक्तों के साथ चर्चा की गई। जिसमें पानी की उपलब्धता के साथ-साथ मानक स्तर का पानी प्रत्येक घर में उपलब्ध हो इसके लिए भी योजनाबद्ध रणनीति बनाई गई। इस अवसर पर कलेक्टर ने कहा कि शासन की एनजीजीबी योजना से ग्रामीण अंचलों में गिरते हुए जल स्तर पर काबु पाया गया है।
जल स्तर में यह सुधार शहरी क्षेत्र में भी हो इसके लिए जिला प्रशासन सक्रिय रूप से कार्य करेगा। इसलिए शहर में जितने भी जल के प्राकृतिक स्त्रोत हैं उनका जीर्णोद्धार व कायाकल्प किया जा रहा है। जल के स्त्रोत व स्तर में बढ़ोत्तरी हो इसके लिए वैज्ञानिक पद्धति के नवाचारों को भी अपनाया जा रहा है। अधिकारियों द्वारा उपलब्ध कराए गए डाटा के अनुसार नगर निगम दुर्ग, भिलाई के पांचों जोन, रिसाली, भिलाई-चरौदा, नगर पालिका जामुल, कुम्हारी, अहिवारा, अमलेश्वर, नगर पंचायत उतई, धमधा व पाटन में स्थित कुल 170 तालाबों में वर्तमान स्थिति तक जिला प्रशासन द्वारा 143 तालाबों की सफाई की जा चुकी है और मात्र 27 तालाब सफाई हेतु शेष हैं। जिन्हें शीघ्र ही जिला प्रशासन द्वारा सफलता पूर्वक पूरा कर लिया जाएगा।
इसके अलावा आज समय सीमा बैठक के पूर्व क्रमवार राजस्व, नगरीय निकाय, जिला पंचायत व जनपद पंचायत के अधिकारियों के साथ बैठक भी कलेक्टर की उपस्थिति में संपादित की गई। जिसमें मुख्य रूप से रिक्त कोटवार पदों को भरने एवं कोटवारों के ट्रेनिंग को लेकर चर्चा की गई। ताकि राजस्व संबंधित बुनियादी शब्दावली और कार्यशैली से वो अवगत रहें जिससे कि राजस्व के कार्यों में जमीनी स्तर पर तेजी लाई जा सके। इसके अलावा राजस्व के अंतर्गत जमीन से जुड़े सभी नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन, राजस्व वसूली, नक्शा बटांकन, डायवर्सन और पट्टा वितरण इत्यादि विषय पर और नगरीय निकाय, जिला पंचायत व जनपद पंचायत के महत्वपूर्ण बिंदुओं पर भी चर्चा की गई।
समय सीमा बैठक में अपर कलेक्टर श्रीमती पदमनी भोई, जिला पंचायत सीइओ अश्वनी देवांगन, संयुक्त कलेक्टर श्रीमती योगिता देवांगन, आयुक्त नगर निगम भिलाई रोहित व्यास, प्रशिक्षु आई.एस. लक्ष्मण तिवारी, एसडी दुर्ग मुकेश रावटे, एसडी धमधा बृजेश सिंह क्षत्रिय, एसडीएम पाटन विपुल गुप्ता, नगर निगम आयुक्त दुर्ग लोकेश चंद्राकर, आयुक्त नगर निगम रिसाली आशीष देवांगन आयुक्त नगर निगम भिलाई चरौदा अजय त्रिपाठी एवं अन्य अधिकारी व कर्मचारी गण उपस्थित थे।