मालती वर्मा राजकीय कन्या जूनियर हाईस्कूल में शिक्षिका के पद पर कार्यरत थीं। 30 सितंबर 2024 को जब मालती वर्मा स्कूल में थीं तो उन्हें एक कॉल आया। कॉल पर एक व्यक्ति ने खुद को पुलिस अधिकारी बताते हुए कहा कि उनकी बेटी को एक सेक्स रैकेट में पकड़ा गया है। कॉल करने वाले के व्हाट्सएप पर पुलिस की वर्दी पहने हुए फोटो लगी थी, जिससे यह कॉल और भी विश्वसनीय लग रही थी। साथ ही बीच बीच में मम्मी बचाओ की भी आवाज आ रही थी।
इस व्यक्ति ने दावा किया कि अगर मालती अपनी बेटी की बदनामी से बचना चाहती हैं और उसकी तस्वीरें सार्वजनिक नहीं करना चाहतीं तो उन्हें तुरंत एक लाख रुपये की व्यवस्था करनी होगी। कॉल के दौरान मालती वर्मा बुरी तरह घबरा गईं और उन्हें 4 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट कर रखा गया। इस सदमे से उन्हें हार्ट अटैक आया, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
सतर्क रहने की आवश्यकता
इस मामले में अभी तक कोई पुलिस केस दर्ज नहीं हुआ है, लेकिन जालसाजों की इस घिनौनी हरकत ने साइबर अपराध की गंभीरता को उजागर कर दिया है। डिजिटल धोखाधड़ी और ब्लैकमेलिंग के ऐसे मामले समाज में बढ़ती चिंता का विषय बन रहे हैं, जहां तकनीकी का दुरुपयोग करके निर्दोष लोगों को निशाना बनाया जा रहा है। इस घटना ने साइबर सुरक्षा और डिजिटल जागरूकता की कमी को भी उजागर किया है। लोगों को ऐसे फर्जी कॉल और संदेशों से बचने के लिए सतर्क रहने की आवश्यकता है।