रायपुर:
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बेरोजगारी भत्ते की दूसरी किश्त जारी करते हुए युवाओं से कहा कि आपको बेरोजगारी भत्ते से सहायता मिल रही है, लेकिन मुझे बेरोजगारी भत्ता देने से ज्यादा खुशी तब होगी जब आपके हाथ में रोजगार होगा। सरकारी नौकरी के लिए हम लगातार वेकेंसी निकाल रहे हैं इसके साथ ही आपको कौशल प्रशिक्षण भी दे रहे हैं ताकि आप अपना काम भी शुरू कर सकें। बेरोजगारी भत्ता एक छोटा सा सहयोग भर है, जिसके माध्यम से आप अपना लक्ष्य प्राप्त कर सकें।
मुख्यमंत्री ने अपने निवास कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में बेरोजगारी भत्ता योजना के एक लाख 5 हजार 395 हितग्राहियों के खाते में 32 करोड़ 35 लाख 25 हजार रूपए की राशि का ऑनलाईन अंतरण किया। इन हितग्राहियों में 66 हजार 185 हितग्राहियों को, जिन्हें माह अप्रैल में प्रथम किश्त की राशि जारी की गई थी, उन्हें द्वितीय किश्त के रूप में 16 करोड़ 54 लाख 62 हजार 500 रूपए, 24 हजार 15 हितग्राहियों को जिन्होंने 30 अप्रैल 2023 तक आवेदन किया था, उन्हें माह अप्रैल और मई दोनों माह की बेरोजगारी भत्ते की किश्त के रूप में 12 करोड़ 75 हजार रूपए की राशि जारी की गई। इसी प्रकार 15 हजार 195 हितग्राहियों को जिन्होंने मई 2023 में आवेदन किया था उन्हें प्रथम किश्त की राशि के रूप में 3 करोड़ 79 लाख 87 हजार 500 रूपए की राशि जारी की गई।
बेरोजगारी भत्ता योजना के हितग्राहियों को प्रथम और द्वितीय किश्त के रूप में कुल 48 करोड़ 89 लाख 87 हजार 500 रूपए की राशि जारी की गई है।
कार्यक्रम में तकनीकी शिक्षा मंत्री उमेश पटेल, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा, कौशल विकास एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला, सचिव तकनीकी शिक्षा टोपेश्वर वर्मा, सचिव कौशल विकास श्रीमती शम्मी आबिदी, संचालक रोजगार एवं प्रशिक्षण अवनीश शरण भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि बेरोजगारी भत्ते की प्रथम किश्त के वितरण के समय पिछले कार्यक्रम में मैंने कहा था रोक हटते ही अखबार नौकरियों के विज्ञापन से भरे होंगे, आज हमने अपना वादा निभाया है। आज विभिन्न विभागों में लगातार भर्तियों के विज्ञापन निकल रहे हैं। उन्होंने कहा कि समाज में हर वर्ग के लोग रहते हैं। कुछ लोग मजदूरी करते है, तो कुछ लोग खेती-किसानी, तो कुछ लोग छोटा-मोटा व्यवसाय करते हैं। सभी की आर्थिक स्थिति एक समान नहीं होती।
इन परिवारों के युवाओं को लगता है कि माता-पिता ने हमें लिखा-पढ़ा दिया लेकिन हम माता-पिता पर आश्रित हैं। ऐसे युवाओं के लिए बेरोजगारी भत्ते के रूप में मिलने वाली 2500 रूपए की राशि उनके लिए बड़ा सहारा है। इस राशि से प्रतियोगी परीक्षा के लिए किताब खरीदने आदि कार्यों में मदद मिलती है। राज्य सरकार ने व्यापम, पीएससी की परीक्षाओं में युवाओं की परीक्षा फीस माफ कर दी हैं। इससे इन परिवारों का आर्थिक बोझ कम हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार युवाओं को कौशल प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है ताकि वे स्वरोजगार और रोजगार के लिए तैयार हो सकें। रीपा में छोेटे-छोटे कुटीर उद्योगों के जरिए रोजगार के साधन उपलब्ध कराएं जा रहे हैं।
रोजगार और स्व-रोजगार के अवसरों के अधिक से अधिक अवसर पैदा करने सुराजी गांव योजना, गोधन न्याय योजना, रीपा योजना, कृषि और वन आधारित उद्योगों की स्थापना, कृषि और वनोपजों का प्रसंस्करण और वैल्यू एडीशन, सी-मार्ट की स्थापना, रोजगारोन्मुखी स्कूली शिक्षा की शुरुआत जैसे अनेक कदम राज्य सरकार द्वारा उठाए गए हैं। इन प्रयासों से छत्तीसगढ़ आज देश में न्यूनतम बेरोजगारी दर वाला राज्य है, हमारी कोशिश है कि छत्तीसगढ़ की यह पहचान आगे भी बनी रहे।
तकनीकी शिक्षा मंत्री उमेश पटेल ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने युवाओं से बेरोजगारी भत्ता देने का वादा किया था, जिसे उन्होंने पूरा कर दिया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के अच्छे वित्तीय प्रबंधन के द्वारा ही जनता से किए वादों को पूरा करने में हम सफल रहे हैं। कौशल विकास एवं तकनीकी शिक्षा के प्रमुख सचिव, डॉ. आलोक शुक्ला ने स्वागत भाषण देते हुए बताया कि बेरोजगारी भत्ता प्राप्त कर रहे 1701 युवाओं का लाइवलीहुड कालेज सहित 33 संस्थानों में कौशल प्रशिक्षण आरंभ हो चुका है। उन्होंने बताया कि विभिन्न विभागों के 22,154 पदों पर भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है तथा 972 पदों के लिए नियुक्ति आदेश जारी हो गए हैं। उन्होंने बताया कि पिछली सरकार ने 14 वर्षों में बेरोजगारी भत्ते के रूप में लगभग 99 करोड़ रूपए की राशि दी थी।
जबकि वर्तमान में बेरोजगारी भत्ते की दो किश्तों में ही 48 करोड़ 89 लाख रूपए की राशि का भुगतान किया जा चुका है। संचालक, रोजगार एवं प्रशिक्षण अवनीश शरण ने बताया कि बेरोजगारी भत्ता प्राप्त करने वालों में 39 प्रतिशत महिलाएं, 61 प्रतिशत पुरूष, 83 प्रतिशत ग्रामीण तथा 17 प्रतिशत शहरी हितग्राही है। सचिव तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास टोपेश्वर वर्मा ने अतिथियों के प्रति आभार प्रदर्शन किया। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री निवास में उपस्थित हितग्राहियों तथा विभिन्न जिलों से वीडियो कॉन्फ्रेंस से जुड़े हितग्राहियों ने मुख्यमंत्री श्री बघेल से चर्चा के दौरान उन्हें योजना प्रारंभ करने के लिए धन्यवाद दिया।