FluxJet Train: कनाडाई स्टार्टअप ट्रांसपॉड ने फ्लक्सजेट नाम से दुनिया की सबसे तेज ट्रेन बनाने की अविश्वसनीय योजना की घोषणा की है, जिसकी रफ्तार इतनी होगी कि जानकर आपके होश उड़ जाएंगे. बस इतना समझ लीजिए कि मिनटों में कई मीलों तक का सफर तय हो जाएगा. शहरों की किलोमीटर की दूरियां और सिमट जाएंगी. इस ट्रेन का डिजाइन बड़े ही कमाल का है, जिसे देख कर आप हैरान होंगे.
कितनी होगी इस ट्रेन की स्पीड?: द सन की रिपोर्ट के अनुसार, इस ट्रेन की रफ्तार 621 मील प्रति घंटे यानी करीब 1000 किलोमीटर प्रति घंटे होगी है, जो पूरे देश में यात्रियों को घुमाने में सक्षम होगी है. यह महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट ‘2035 से पहले’ कनाडा के दो प्रमुख शहरों को £14 बिलियन की हाईस्पीड फ्लोटिंग ट्रेन सिस्टम से जोड़ेगी. ट्रांसपॉड कंपनी कई सालों से कैलगरी (Calgary) और एडमॉन्टन (Edmonton) शहरों के बीच फ्लक्सजेट नामक 300KM लंबी पैसेंजर और माल ढुलाई ट्रेन लाइन पर काम कर रहा है.
यहां देखें– FluxJet Hyperloop System Video
किस टेक्नोलॉजी पर चलेगी ट्रेन?
ट्रांसपॉड ने फ्लक्सजेट को ‘विमान और ट्रेन के हाइब्रिड’ के रूप में बताया है. यह पूरी तरह से इलेक्ट्रिक व्हीकल होगा, जो 54 पैसेंजर्स और 10 टन कार्गो तक ले जाने में सक्षम होगा. इस वैक्यूम ट्रेन का एक छोटा (एक टन वजनी) प्रोटोटाइप 2022 में टोरंटों में शुरू किया गया था. फ्लक्सजेट वैक्यूम-सील्ड ट्यूब के माध्यम से हाई स्पीड प्रोपल्शन के लिए फिजिक्स-आधारित टेक्नोलॉजी का उपयोग करता है.
FluxJet Train-Plane hybrid Vehicle Design
हाइपरलूप नेटवर्क की तरह, यह ट्रेन 2030 तक यात्रियों को 700 मील प्रति घंटे की गति से एक ट्यूब के माध्यम से चलती हुई देखी जा सकती है. इसमें एक ट्रेन और एक वैक्यूम ट्यूब शामिल है. ट्रेन विशेष पटरियों पर चुंबकीय रूप से घूमती (Hover) है और 621 मील प्रति घंटे से अधिक की गति प्राप्त करने के लिए चुंबक और प्लाज्मा टेक्नोलॉजी के कॉम्बिनेशन का उपयोग करती है, जो जेट (Jet) से भी तेज है और हाई-स्पीड ट्रेन से तीन गुना तेज है.
चीन रेलवे ने हाल ही में अपनी अगली पीढ़ी की हाई-स्पीड ट्रेनों का फर्स्ट सक्सेसफुल परफॉर्मेंस परीक्षण किया, जिसके दौरान व्हीकल ने 281 मील प्रति घंटे तक की गति हासिल की. वर्तमान में रिकॉर्ड पर उच्चतम गति 357 मील प्रति घंटे है, जिसे फ्रांसीसी V150 ट्रेन ने 2007 में हासिल किया था. यूके में अधिकांश ट्रेनें केवल 140 मील प्रति घंटे की अधिकतम गति तक ही पहुंच पाती हैं.