दुर्ग / छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने आज जिला पंचायत सभा कक्ष में महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रकरणों पर जनसुनवाई की। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक की अध्यक्षता में आज दुर्ग जिला की 192वीं सुनवाई हुई। दुर्ग जिले में आयोजित जन सुनवाई में कुल 34 प्रकरणों पर सुनवाई की गई।
आज के सुनवाई के दौरान एक प्रकरण में अनावेदक शासकीय अधिवक्ता अपने मां का पैसा हड़प चुका है, और अधिवक्ता न्यायालय में अपनी मां के खिलाफ झूठा प्रकरण लगाया है ताकि आयोग में आने से बच सके। आयोग व्दारा आवेदिका (मां) को समझाईश दी गई कि अनावेदक अधिवक्ता का वकालत का लाइसेंस रद्द करवाने हेतु उच्च अधिकारी को आवेदन प्रस्तुत करें। ताकि उसके खिलाफ कार्यवाही करते हुए लाईसेंस रद्द किया जा सके।
अन्य एक प्रकरण में आवेदिक ने बताया है कि उसे उसके मायके वालो के तरफ से 3 एकड़ जमीन बंटवारे में मिली है, जिसके अगल-बगल अनावेदकगण की जमीन है और आवेदिका को अनावेदकगण व्दारा खेती करने से रोका जा रहा है। आज सुनवाई में उपस्थित अनावेदक क्र. 2 ने कहा कि उनके व्दारा आवेदिका को बोवाई करने से नहीं रोका गया है। आयोग व्दारा आवेदिका को बोवाई करने का निर्देश दिया गया तथा बोवाई करने में अगर कोई व्यवधान डालता है तो उसकी विडियो बनाकर प्रस्तुत करने को कहा गया। प्रकरण को सुनवाई हेतु रायपुर में स्थानांतरित किया गया। आवेदिका को अपने खेत में 15 से 20 दिन के अंदर बोवाई करने के लिए कहा गया जिसकी जानकारी आगामी सुनवाई रायपुर में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया।
अन्य प्रकरण में दोनांे पक्षों को विस्तार से सुना गया और समझाया गया कि एलआईसी की राशि, जमीन वगैर की अपनी-अपनी सूची को तैयार कर आगामी सुनवाई 01 अगस्त 2023 को रायपुर में आकर प्रस्तुत करना है। छोटी बच्ची को अनावेदकगण को मिलने से मना मत करने का निर्देश दिया गया।
अन्य प्रकरण में उभय पक्ष उपस्थित आवेदिका ने अपना आवेदन प्रस्तुत किया है कि दोनांे पक्षों का राजीनामा हो गया एवं न्यायालय से तलाक भी हो गया है। आवेदिका अपना प्रकरण वापस लेना चाहती है। प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया। इसी तरह एक और प्रकरण में आपसी समझौता की वजह से प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया है।
अन्य प्रकरण में उभय पक्ष उपस्थित। दोनांे पक्षों के बीच मकान बनवाने के लेन-देन को लेकर विवाद था। दोनों पक्ष का कहना है कि आपस में लेन देन नहीं करना चाहते हैं। इसलिए प्रकरण को आयोग द्वारा नस्तीबद्ध किया गया। अन्य प्रकरण में बुजुर्ग ससुर के खिलाफ आवेदिका ने झूठा शिकायत दर्ज कराई थी जिसमें दोनों पक्षों को सुनने के पश्चात पता चला कि आवेदिका एवं अनावेदक बुजुर्ग ससुर का प्रकरण एसडीएम कार्यालय में लंबित था जिसमें उक्त प्रकरण में आवेदिका एवं उनके परिवार को उक्त मकान खाली करने का आदेशित किया गया है।
जिसके कारण उक्त प्रकरण को आयोग ने नस्तीवाद किया। अन्य प्रकरण में अनावेदक (पुलिस आरक्षक) ने आवेदिका से अपनी पहली शादी को छुपा कर दूसरी शादी किया था जिसमे आवेदिका के व्दारा पुलिस विभाग में शिकायत दर्ज कराया गया। जिस पर विभागीय कार्यवाही करते हुए अनावेदक को सेवा से पृथक किया गया है। आयोग ने प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया।
अन्य प्रकरण जिसमें कल दिनांक 13 जुलाई 2023 की सुनवाई में थाना कोतवाली को आदेशित किया गया था कि प्रकरण से संबंधित अनावेदकगणों का पतासाजी कर आज दिनांक को सुनवाई में उपस्थित करने के लिए कहा गया था जिसमें थाना कोतवाली के तरफ से सूचना आई है कि अनावेदक का नाम व पता नहीं होने के कारण कार्यवाही नहीं किया गया है। आयोग की सुनवाई में उपस्थित मीता पवार एडिशनल एस.पी. को निर्देशित किया गया कि स्थानीय लोगों से संपर्क कर एवं फोटोग्राफ के माध्यम से अनावेदकगणों का पतासाजी कर कानूनी कार्यवाही करे और आयोग को 02 माह बाद रिपोर्ट प्रस्तुत करे।
आज के सुनवाई में कुल 14 नस्तीबद्ध किया गया 01 प्रकरण रायपुर स्थानांतरित किया गया एवं 02 प्रकरण में एडिशनल एस.पी. की कार्यवाही हेतु आदेशित किया गया।