क्या मौत के बहुत ही नजदीक पहुंच कर लौटने वाले लोगों को अजीब अनुभव होते हैं. एक स्टडी में इसकी व्याख्या करने और कारण जानने की कोशिश हुई है. इसके मुताबिक एक महिला ने अनोखा दावा किया है. उसका कहना है कि जब उसे दिल का दौरा पड़ा था, तब उसे अनुभव हुआ कि उसकी मरी हुई दादी उसे शरीर में वापस लौटने का निर्देश दे रही थी. डॉक्टरों ने इस तरह के अनुभवों के चिकित्सकीय कारण बताने की कोशिश की.

दिल के दौरे के बाद पुनर्जीवित किए गए अन्य लोगों ने नरक में जलने की अनुभूति सहित तकलीफदेह अनुभवों की सूचना दी. वहीं, डॉक्टरों का मानना ​​है कि ऐसे मामलों में, व्यक्ति का दिमाग उनके जीवन को बचाने के लिए की जा रही चिकित्सा प्रक्रियाओं की गलत व्याख्या कर सकता है.

इस अध्ययन के नतीजों ने डॉक्टरों के इस विश्वास को और मजबूत किया है कि मनुष्य के भीतर कुछ ऐसा है जो शरीर के काम करना बंद कर देने और मरने के बाद भी बना रहता है. डॉ. सैम पारनिया 25 सालों से इस बात की जांच कर रहे हैं कि मौत के बाद क्या होता है, इस अध्ययन का डेटा 25 यूके और यूएस अस्पतालों के व्यक्तियों के साथ साक्षात्कार के संयोजन से एकत्र किया गया था, जो दिल का दौरा पड़ने के बाद के दखल के कारण बच गए थे, साथ ही ऐसे लोग भी थे जिन्होंने अपने दिल के दौरे के बाद अपने अनुभवों की खुद रिपोर्ट की थी.

जिन लोगों ने यादें कायम रखीं, उनमें से छह ने पारलौकिक क्षणों की सूचना दी. तीन लोगों ने सपने जैसे नजारे देखे, जिसमें एक गाते हुए मछुआरे के साथ अजीबोगरीब मुठभेड़ भी शामिल थी. ऐसे में लोगों के अनुभव काफी अलग से थे. किसी को लगा कि वे एक ऐसी जगह की ओर यात्रा कर रहे हैं. जबकि एक व्यक्ति का मानना ​​था कि वह नरक की लपटों को सह रहा था.

डॉ. पारनिया ने कहा, “ये याद किए गए अनुभव और मस्तिष्क तरंग परिवर्तन तथाकथित निकट-मृत्यु अनुभव के पहले संकेत हो सकते हैं. हमारे नतीजे इस बात का सबूत देते हैं कि मृत्यु के कगार पर और कोमा में रहने के दौरान, लोग एक अनोखे आंतरिक सचेत अनुभव से गुजरते हैं, जिसमें बिना किसी परेशानी के जागरूकता शामिल है.”

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