रायपुर। भानुप्रतापपुर के भाग्य ने किसका साथ दिया ? ये फैसला कल हो जायेगा। भानुप्रतापपुर उप चुनाव के नतीजे कल आ जायेंगे। कहा जा रहा है कि सर्व आदिवासी समाज के प्रत्याशी ने कांग्रेस का पूरा खेल गड़बड़ कर दिया है। ऐसे में भाजपा और कांग्रेस के बीच मुकाबला काफी टाइट हो गया है। रिजल्ट के पहले हार-जीत को लेकर अटकलों का दौर जारी है। भानुप्रतापपुर को लेकर चर्चा है कि इस बार जीत और हार का आंकड़ा काफी कम का रहेगा।

कांग्रेस पक्ष के लोग भी मान रहे हैं कि मुकाबला काफी टाइट है, हालांकि सावित्री मंडावी की जीत पक्की है, लेकिन अंतर 10 से 15 हजार से ज्यादा नहीं रहेगा। दरअसल कांग्रेस ने जो सोचा था कि मनोज मंडावी की पत्नी सावित्री मंडावी को टिकट देने के बाद सहानुभूति की लहर होगी, वहीं ब्रह्मानंद नेताम पर रेप का आरोप होने और आरक्षण को लेकर विशेष सत्र बुलाने का फायदा कांग्रेस को मिलेगा। लेकिन, ऐसा बहुत ज्यादा कुछ फायदा हुआ नहीं।

भानुप्रतापपुर में ब्रह्मानंद नेताम का रेप मामला कोई मुद्दा नहीं रहा। भाजपा आरक्षण के मुद्दे को काफी हद तक और रेप के मुद्दे को आदिवासी को बदनाम करने की साजिश के संदेश के तौर पर जनता के बीच पहुंचाने में कामयाब रही। भाजपा का गढ़ चारामा, भानुप्रतापपुर और हर्राडोला काफी हद तक भाजपा के काबू में रहा।

सर्व आदिवासी समाज के अकबर राम कोर्राम ने कांग्रेस को जमकर नुकसान पहुंचाया है। अंदरूनी क्षेत्रों में कोर्राम ने कांग्रेस को आरक्षण के मुद्दे पर काफी नुकसान पहुंचाया। भानुप्रतापपुर में महिलाओं का वोटिंग परसेंटज भाजपा के खिलाफ होने का दावा किया जा रहा है। कांग्रेस के मुताबिक महिलाओं ने सावित्री मंडावी के पक्ष में और रेप केस में फंसे भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ वोट किया है।

हालांकि इन सब के बीच अकबर राम कोर्राम जितना वोट हासिल करेंगे, कांग्रेस की मुश्किलें उतनी बढ़नी तय है। भाजपा का दावा है कि वो 5 हजार से ज्यादा वोट से जीतेंगे, वहीं कांग्रेस का दावा है कि 15 हजार से ज्यादा वोट से जीतेंगे। ऐसे में अकबर कोर्राम अगर 10-15 हजार वोट काटने में कामयाब रहे, तो कांग्रेस की चिंताएं बढ़ जायेगी।

 

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