नई दिल्ली. राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) पर निशाना साधे जाने के एक दिन बाद गुरुवार को कांग्रेस ने ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के नेतृत्व वाली पार्टी पर फिर से तीखा प्रहार करते हुए कहा कि अगर वह मिलकर काम करना चाहती है तो उसे कांग्रेस के नेताओं को तोड़कर अपने साथ मिलाने का प्रयास बंद करना होगा. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ बनने वाले गठबंधन में शामिल सभी पार्टियों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीति और नीयत के खिलाफ खुलकर आवाज उठानी होगी.
रमेश ने तृणमूल का नाम लिए बगैर यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं यह पूछना चाहता हूं कि कौन सी एकमात्र राजनीतिक पार्टी है जिसने अडानी मामले पर जेपीसी की मांग का विरोध किया?’’ उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘हम त्रिपुरा में टीएमसी का मुकाबला कर रहे हैं, मेघालय में मुकाबला कर रहे हैं. मेघालय में तृणमूल कुछ नहीं है, बल्कि कांग्रेस छोड़ने वाले लोग ही टीएमसी में हैं.’’
कांग्रेस महासचिव ने टीएमसी को दी ये नसीहत
कांग्रेस महासचिव ने इस बात पर जोर दिया, ‘‘अगर टीएमसी कांग्रेस पार्टी के साथ मिलकर काम करने को लेकर गंभीर है तो उसे हमारे नेताओं को तोड़ने का प्रयास बंद करना चाहिए. उन्होंने गोवा में यही किया और विफले रहे. जहां भी ऐसा करेंगे वो विफल होंगे.’’
विपक्षी गठबंधन के सवाल पर रमेश ने कहा, ‘‘अगर गठबंधन होगा तो उसके लिए सकारात्मक कार्यक्रम होगा, सिर्फ नकारात्मक नजरिये से हम गठबंधन नहीं हो सकता.’’
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘हम मानते हैं कि अगर कोई गठबंधन बनता है तो सभी पार्टियों को प्रधानमंत्री की नीयत और नीतियों के खिलाफ स्पष्ट रूप से आवाज उठानी होगी, बिना समझौत और बिना डर के आवाज उठानी होगी.’’उनका यह भी कहना था कि 2023 में कई राज्यों के चुनाव होने हैं जो लोकसभा चुनाव से पहले ‘मील का पत्थर’ साबित होंगे, ऐसे में अभी विपक्षी एकता पर बात करने सही वक्त नहीं है.