नई दिल्ली: दिल्ली MCD के मेयर और डिप्टी मेयर समेत स्टैंडिंग कमेटी का आज चुनाव होने जा रहा है. इससे पहले दो बार हंगामे के चलते चुनाव नहीं हो पाया. मेयर पद के लिए AAP की शैली ओबरॉय और बीजेपी की रेखा गुप्ता मैदान में है.

मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :

  1. दिल्ली MCD के मेयर और डिप्टी मेयर समेत स्टैंडिंग कमेटी का आज चुनाव होने जा रहा है. इससे पहले दो बार हंगामे के चलते चुनाव नहीं हो पाया. मेयर पद के लिए AAP की शैली ओबरॉय और बीजेपी की रेखा गुप्ता मैदान में है. चुनाव से पहले AAP के सभी पार्षदों ने MCD की पीठासीन अधिकारी को चिट्ठी लिखी है और मांग की है कि ‘मनोनीत पार्षदों को मेयर चुनाव से बाहर रखा जाए.
  2. छह जनवरी को उपराज्यपाल द्वारा मनोनीत 10 सदस्यों को वोट देने की अनुमति है या नहीं इस पर बहस के बीच सदन की कार्यवाही को स्थगित कर दिया गया था. फिर 24 जनवरी को सदन के आदेश न होने का दावा करते हुए पीठासीन अधिकारी ने अचानक स्थगित कर दिया था.
  3. सीएम अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी अपने अधिक वोटों की वजह से मेयर पद का चुनाव जीत सकती है, वहीं स्थायी समिति के चुनाव को लेकर उसकी स्थिति अनिश्चित होगी, जिसे निगम में सबसे शक्तिशाली निकाय समझा जाता है.
  4. 18 सदस्यीय स्थायी समिति में से छह का आज चयन किया जाएगा जिसमें आप को तीन और भाजपा को दो सीटें मिलेंगी. लड़ाई छठी सीट पर है, जो 10 मनोनीत सदस्यों को वोट देने की अनुमति देने पर भाजपा के पास जाएगी. अन्य 12 स्थायी समिति के सदस्यों का चुनाव क्षेत्रीय चुनावों के माध्यम से किया जाएगा.
  5. अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी के 134 पार्षदों और एक निर्दलीय सदस्य ने नगर निकाय के पीठासीन अधिकारी सत्या शर्मा को पत्र लिखकर कहा है कि नियम मनोनीत पार्षदों को मतदान करने से रोकते हैं. उन्होंने लिखा, “महापौर, उप महापौर और स्थायी समिति के चुनाव से एल्डरमैन को बाहर रखा जाना चाहिए”.
  6. एमसीडी के विलय और पिछले साल निर्वाचन क्षेत्रों के पुनर्निर्धारण के बाद हुए पहले नगरपालिका चुनाव में आप ने 250 वार्डों में से 134 पर जीत हासिल की. भाजपा 104 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर रही.
  7. इस चुनाव में दिल्ली से भाजपा के सात लोकसभा सांसद, आप के तीन राज्यसभा सदस्य और दिल्ली अध्यक्ष द्वारा मनोनीत 14 विधायक भी मतदान कर सकते हैं. वहीं कांग्रेस ने चुनाव में हिस्सा नहीं लेने का फैसला किया है.
  8. आप ने पहले उपराज्यपाल वीके सक्सेना द्वारा राज्य सरकार से परामर्श किए बिना 10 एल्डरमेन का नामकरण करने पर आपत्ति जताई थी. इसने उपराज्यपाल द्वारा सत्य शर्मा की नियुक्ति का भी विरोध किया था, इस पद के लिए सदन के सबसे वरिष्ठ पार्षद मुकेश गोयल की सिफारिश की थी.
  9.  दस मनोनीत एल्डरमेन द्वारा शपथ ग्रहण और उनके मतदान को लेकर हंगामे के बीच दो बार महापौर चुनाव का टल चुका है. छह जनवरी को हुए पहले चुनाव में आप और भाजपा के सदस्य आपस में भिड़ गए थे आपस में धक्का मुक्की हुई थी और मेज-कुर्सियां ​​फेंकी गई थीं.
  10. यह मामला सुप्रीम कोर्ट में भी गया था, जहां आप ने समयबद्ध चुनाव की मांग की थी और आदेश दिया था कि एल्डरमेन को मतदान करने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
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