मनेन्द्रगढ़। पत्रकार रईस अहमद की हत्या के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। उसकी हत्या के पीछे पत्नी का ही हाथ है। दरअसल, मनेन्द्रगढ़ के ग्राम चनवारीडांड ग्राउण्ड फॉरेस्ट डिपो के पीछे गुरुवार सुबह पत्रकार रईस अहमद का शव मिला था। इससे इलाके में हड़कंप मच गया। मौके पर पहुंचे मृतक के भाई नसीर अहमद ने रिपोर्ट दर्ज कराई। बॉडी पर लात-मुक्के और हथियार से मारपीट के चोट के निशान मिले थे। पुलिस ने मर्ग कायम कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया।

हत्या के लिए पत्नी ने ही खोला था घर का दरवाजा

मृतक के भाई ने बताया कि, करीब 4-5 साल पहले रईस अहमद की शादी पूर्व मौहारपारा के मो. याकूब की बेटी सफीना के साथ हुई थी। उनकी तीन साल की बेटी भी है। 5 महीने पहले सफीना गढ़वा झारखण्ड के रहने वाले अलम के बेटे अरजू खान के साथ भाग गई थी। इसके बाद रईस सफीना को अपने साथ लेकर मनेन्द्रगढ़ आ गया। वह पिछले देढ़ माह से चनवारीडांड में किराए के मकान में अपनी पत्नी और बच्ची के साथ में रह रहा था। बुधवार देर रात अज्ञात आरोपियों ने रईस अहमद के साथ मारपीट की और उसे मौत के घाट उतार दिया। इसके बाद उसके शव को फॉरेस्ट डिपो के पीछे ले जाकर फेंक दिया।

संदेह के आधार पर पत्नी सफीना से पूछताछ शुरू की गई। कड़ाई से पूछने पर उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया। उसने बताया कि, उसने अपने प्रेमी अरजू को फोन कर पति के हत्या की साजिश रची। रात के करीब दो बजे अरजू अपने बुआ के बेटे के साथ आया। सफीना के दरवाजा खोलते ही दोनों रईस अहमद के कमरे में गए जहां वह सो रहा था। उन्होंने पहले तो लात-घूसा मारा, फिर धारदार हथियार से मारपीट कर गले में गमछा बांधकर गला घोंटकर हत्या कर दी। इसके बाद साक्ष्य छिपाने के लिए उन्होंने लाश को फॉरेस्ट डिपो के पीछे फेंक दिया। मामले के खुलासे के बाद पुलिस आरोपियों की तलाश में जुट गई है।

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