सक्ती। प्रेमी के साथ कमरे में पकड़ाई पत्नी ने विवाद के बाद अपने पति को मौत के घाट उतार दिया. साक्ष्य छिपाने के लिए पति की लाश को नदी में फेंककर गुमशुदगी की पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करा दी. लेकिन पुलिस ने कत्ल की गुत्थी को 24 घंटे के भीतर ही सुलझाते हुए आरोपी पत्नी और उसके प्रेमी को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया है.
जानकारी के अनुसार, 28 मार्च को मृतक का पिता दुकालू राम साहू अपनी बहू चानेश्वरी साहू एवं अन्य ग्रामीणों के साथ थाना हसौद आकर रिपोर्ट दर्ज कराया गया कि उसका बेटा गणेश साहू 27 मार्च को रात्रि करीबन 8.30 बजे सफेद रंग के कार में आये व्यक्ति के बुलाने पर उनके साथ घर से कहीं चले गया, और वापस घर नहीं आया. थाना हसौद में गुम इंसान कायम कर जांच कार्यवाही की जा रही थी.
इस बीच 30 मार्च को गणेशराम साहू का शव सोननदी के पानी में तैरता हुआ मिला, जिसका मर्ग कायम कर जांच पंचनामा कार्रवाई में लेकर मृतक के शव का पीएम कराया गया. जांच में गणेशराम की हत्या होना पाए जाने से थाना हसौद में अपराध क्रमांक 47 / 2023 धारा 302, 201 भादवि के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया.
जांच में पाया गया कि मृतक की पत्नी चानेश्वरी साहू अपने पड़ोस के प्रमोद साहू के साथ फोन से बाते करती थी, जिसकी जानकारी मृतक गणेशराम साहू को होने पर पति-पत्नी आपस में अक्सर लड़ाई झगड़ा होता रहता था. 27 मार्च को रात्रि में चानेश्वरी साहू से मिलने प्रमोद साहू उसके घर आया हुआ था.
उसी दौरान मृतक गणेशराम साहू उन्हें अपने कमरे में आपत्तिजनक स्थिति में देख लिया, जिसके कारण उनके मध्य विवाद हो गया. तब चानेश्वरी साहू अपने प्रेमी प्रमोद साहू के साथ मिलकर गणेशराम साहू के गमछे से बांधकर गला घोट कर हत्या कर दिया और साक्ष्य छुपाने के लिए उसके शव और मोबाईल को रात्रि में सुनसान होने पर सोन नदी के पानी में फेंक दिया.
चानेश्वरी और प्रमोद साहू ने गणेशराम साहू को एक सफेद रंग के कार में आये व्यक्ति के बुलाने पर घर से कहीं चले जाने एवं वापस नहीं होने की झूठी कहानी गढ़कर उनके घर वालों एवं पुलिस वालों को गुमराह किये. आरोपी प्रमोद साहू के कब्जे से मृतक गणेशराम साहू के हत्या करने में प्रयुक्त गमछा एवं आरोपिया चानेश्वरी साहू से मोबाइल को नष्ट करने हेतु उपयोग में लाये गये छोटे सब्बल को जप्त किया गया.
पुलिस ने मामले में आरोपी प्रमोद कुमार साहू (23 साल) और चानेश्वरी साहू (28 साल) को 31 मार्च को गिरफ्तार कर एक अप्रैल को न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया. अँधेकत्ल की गुत्थी सुलझाने में उप निरीक्षक नवीन पटेल, सउनि जेके वर्मा, प्रआर अनूप खलखो, आर मिरीश साहू, घनश्याम टडन, घनश्याम पाण्डेय, बृजमोहन नेताम, प्रमोद सोनत, महेन्द्र महेश्वरी. मनोज कोशले, विनोद कटकवार, जयपाल कंवर, शिवगोपाल रात्रे, सहदेव यादव, जयप्रकाश गबेल, रणजीत जांगड़े, खगेश्वर राठौर एवं महिला आरक्षक राजकुमारी खरे की महत्वपूर्ण भूमिका रही.