हवाई जहाज से जुड़े कई ऐसे फैक्ट्स हैं, जिनके बारे में बहुत कम लोगों को पता है. जब कोई एयरहोस्टेस या पायलट इन चीजों के बारे में खुलासा करता है, तो जानकर हैरानी होती है. आज हम आपको एरोप्लेन से जुड़े एक ऐसे ही राज के बारे में बताने जा रहे हैं. आपने गौर किया होगा कि जब कोई विमान रनवे पर उड़ान भरने के लिए तैयार होता है, तभी उस पर अग्निशमन इंजनों द्वारा पानी की बौछार की जाती है.
यह देखकर कोई भी यात्री मान सकता है कि उड़ान से पहले विमान की आखिरी मिनट की सफाई चल रही है. लेकिन आपको बता दें कि यह कोई सफाई की प्रक्रिया नहीं बल्कि एक खास रस्म है, जिसे ‘वाटर सैल्यूट (Water Salute)’ कहा जाता है. इस अजीबोगरीब प्रथा का कारण हैरतअंगेज है, जो हवाई यात्रा की दुनिया का एक अनोखा रहस्य है.
वाटर सैल्यूट दरअसल एक सेलिब्रेशन सेरेमनी है, जिसमें दो फायर इंजन प्लेन के ऊपर पानी के आर्क बनाते हैं, जिससे एक ‘सुरंग’ बनती है और प्लेन उसके नीचे से गुजरता है. समुद्री जहाजों के लिए की जाने वाली सैल्यूट की तरह यह परंपरा सम्मान, जश्न या शुभकामना का प्रतीक होती है. सिंपल फ्लाइंग की रिपोर्ट के मुताबिक,
वाटर सैल्यूट खास मौकों पर किया जाता है- जैसे किसी सीनियर पायलट या एयरपोर्ट कर्मचारी की रिटायरमेंट से पहले आखिरी फ्लाइट को सम्मान देने के लिए. यह रिकॉर्ड-ब्रेकिंग फ्लाइट, ओलंपिक टीम के स्वागत या मिलिट्री पर्सनल को सम्मान देने के लिए भी किया जाता है. शिपहोल एयरपोर्ट के अनुसार, यह परंपरा मूल रूप से समुद्री उद्योग से शुरू हुई थी, जहां फायरबोट जहाजों के मेडन वॉयज पर पानी के आर्क बनाते थे.
पहली बार कब हुआ एयरलाइंस का वाटर सैल्यूट?
1990 के दशक में साल्ट लेक सिटी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर एक रिटायरिंग डेल्टा एयरलाइंस पायलट को सम्मान देने के लिए पहला वाटर सैल्यूट किया गया था. इसके बाद से इस परंपरा को आगे भी जारी रखा गया. वाटर सैल्यूट को ग्राउंड डी-आइसिंग प्रक्रिया से अलग समझना जरूरी है. डी-आइसिंग में ठंड के मौसम में प्लेन पर बर्फ जमने से बचाने के लिए लिक्विड स्प्रे किया जाता है, जबकि वाटर सैल्यूट पूरी तरह से समारोह के लिए होता है.
‘ब्लू आइस’ क्या है?
क्या आप जानते हैं ‘ब्लू आइस’ क्या है? अगर नहीं जानते तो बता दें कि यह एयरक्राफ्ट टॉयलेट से लीक होने वाला वेस्ट होता है, जो -60 डिग्री तापमान में जमकर नीले रंग का बर्फ बन जाता है. कभी-कभी यह बर्फ प्लेन से अलग होकर जमीन पर गिरती है, जिससे संपत्ति को नुकसान या चोट लग सकती है. इसलिए प्लेन पर बर्फ न जमे, इसके लिए लिक्विड स्प्रे किया जाता है.
क्या आपने कभी किसी प्लेन को वाटर सल्यूट लेते हुए देखा है? अगर नहीं देखा तो यह नजारा वाकई देखने लायक होता है और एविएशन इंडस्ट्री की इस अनोखी परंपरा को दर्शाता है. अगली बार जब आप प्लेन में सफर करें और पानी की बौछार देखें, तो समझ जाएं कि यह कोई साधारण सफाई नहीं बल्कि एक खास सम्मान का प्रतीक है!