मध्यप्रदेश|News T20: मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य के संविदा कर्मचारियों के नियमितिकरण के लिए नया नियम बनाया है. इस नए नियम के मुताबिक अब कॉन्ट्रैक्ट बेस्ड कर्मचारियों को नियमित यानी रेगुलर होने के लिए लिखित परीक्षा देनी होगी.

न सिर्फ परीक्षा से गुजरना होगा बल्कि इसमें 50% अंक भी हासिल करने होंगे. मोहन सरकार के इस नए नियम के विरोध में प्रदेश के संविदाकर्मचारी मैदान में उतर आए हैं. जानिए क्या है नया नियम और क्यों हो रहा है विरोध-

MP संविदाकर्मचारियों के लिए नया नियम

मध्य प्रदेश के अलग-अलग विभागों में काम कर रहे संविदा कर्मचारियों के नियमितिकरण के लिए अब परीक्षा होगी. कर्मचारियों को रेगुलर होने के लिए 300 अंकों की लिखित परीक्षा देना होगा. उन्हें अपनी नौकरी के रेगुलर करने के लिए परीक्षा में शामिल होने के साथ-साथ उसमें कम से कम 50 प्रतिशत अंक भी हासिल करने होंगे. नियम के मुताबिक 50% अंक लाने पर ही कर्मचारियों को नियुक्ति मिलेगी.

जानें इस परीक्षा के बारे में

नए नियम के मुताबिक, तृतीय श्रेणी के पदों पर संविदा कर्मचारियों की नियमितिकरण के लिए 300 अंकों की लिखित परीक्षा होगी. ये परीक्षा तीन घंटे की होगी. कर्मियों को नियुक्ति के लिए इस पेपर में 300 में से 150 अंक लाना अनिवार्य है. वहीं, कर्मचारियों की वरिष्ठता के आधार पर उनकी नियुक्ति का निर्धारण नहीं होगा. सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से जारी किए गए नियम के मुताबिक के राज्य के सभी 38 विभागों में कर्मचारियों को परीक्षा देना होगा 20% आरक्षण।

सीधी भर्ती में संविदा कर्मियों के लिए 20% पद आरक्षित होंगे. वहीं, SC और ST उम्मीदवारों को 10% अंकों की छूट रहेगी. यानी इन दोनों वर्ग के अभ्यर्थियों को इस परीक्षा में 40% ही अंक लाने होंगे. इसके अलावा विक्रम पुरस्कार,अर्जुन पुरस्कार, द्रोणाचार्य पुरस्कार, ध्यानचंद पुरस्कार, ओलंपिक खेलों में मेडल-एशियन गेम में मेडल प्राप्त कर्मचारियों को 10 नंबर अलग से दिए जाएंगे.

कर्मचारी कर रहे विरोध 

संविदा कर्मचारियों के नियमितिकरण के लिए बनाए गए नए नियमों पर बवाल हो गया है. संविदा कर्मचारियों ने परीक्षा में 50% अंक अनिवार्य होने पर नाराजगी जताते हुए नए नियम का विरोध किया है. संविदा कर्मचारियों का कहना है कि अब उनकी पढ़ने की उम्र नहीं है. वे सब 15-20 साल से काम कर रहे हैं. 40-45 की उम्र में पढ़ाई करना मुश्किल है.कर्मचारियों ने कहा कि पिछली नीति में संविदा कर्मचारियों के लिए 50% आरक्षण की बात कही गई थी, लेकिन नए नियमों में कहीं इसका जिक्र नहीं है. अगर नए नियमों में संशोधन नहीं किया गया तो वे सड़कों पर भी विरोध करेंगे.

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