आज के युग में जब विज्ञान इतनी प्रगति कर चुका है कि हम मीलों की दूरी घंटों में समेट देते हैं, तब भी दुनिया के कुछ देश ऐसे हैं, जहां अपना एयरपोर्ट भी नहीं है. आज हम उन्हीं जगहों के बारे में बात करेंगे, जहां लोग दुनिया के कोने-कोने से पहुंचते तो हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें एयरपोर्ट या एयरलाइंस की ज़रूरत नहीं है.
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आप अगर ऐसा समझते हैं कि किसी देश तक पहुंचने के लिए वहां एयरपोर्ट का होना ज़रूरी है, तो आप गलत हैं. दुनिया में कई ऐसे देश हैं, जहां एक भी एयरपोर्ट या उनकी अपनी एयरलाइंस नहीं हैं. बावजूद इसके वहां दुनियाभर से लोग पहुंचते हैं. वे अपने पड़ोसी देशों के साथ संसाधनों को साझा करते हैं.
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दुनिया का सबसे छोटा राष्ट्र है -वेटिकन सिटी. महज 825 लोगों की आबादी वाली इस देश में न तो फ्लाइट लैंडिंग के लिए कोई जगह है और नही कोई समुद्र या नदी. ऐसे में इस देश के चारों तरफ मौजूद देशों में एयरपोर्ट है, जबकि ये ट्रेन से 30 मिनट की दूरी पर पड़ेगा. ये उन देशों में से एक है, जिसे पैदल ही कवर किया जा सकता है.
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इस लिस्ट में अगला नाम मोनाको का है. यूरोप में मौजूद ये दूसरा सबसे छोटा देश है, जो तीन ओर से फ्रांस से घिरा है. इसका अपना कोई एयरपोर्ट नहीं है, ऐसे में फ्रांस के एयरपोर्ट से ही लोग यहां आते हैं. फिर वहां से नाव या कैब लेकर मोनाको पहुंचते हैं.
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सैन मारिनो दुनिया के सबसे पुराने देशों में से एक है. इटली से घिरे इस देश में कोई एयरपोर्ट नहीं है न ही इसकी पहुंच समुद्र तक है. इसके पास इटली का रिमिनी एयरपोर्ट है, जहां से रोड नेटवर्क के ज़रिये यहां तक पहुंचा जा सकता है.
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अगला देश लिकटेंस्टीन है, जो 75 किलोमीटर में फैला हुआ देश है. यहां भी अपना कोई एयरपोर्ट नहीं है, हालांकि यहां से आने-जाने के लिए लोग ज्यूरिख एयरपोर्ट का सहारा लेते हैं, जो स्विट्ज़रलैंड में है.
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इन देशों को तो छोटा होने की वजह से एयरपोर्ट नसीब नहीं हो पाया लेकिन एंडोरा ऐसा देश है, जो बड़ा है, फिर भी यहां एयरपोर्ट नहीं है. यहां का क्षेत्रफल तो ठीक है लेकिन भौगोलिक परिस्थितियां ऐसी हैं कि एयरपोर्ट नहीं बन सकता. फ्रांस और स्पेन के बीच मौजूद इस देश में पहाड़ियां ही पहाड़ियां हैं. हज़ारों मीटर ऊंची पहाड़ियों के बीच विमान उड़ाना खतरनाक है, ऐसे में यहां हवाई अड्डा नहीं है. बार्सिलोना, लेरिडा या गिरोना जैसे शहरों से हवाई यात्रा की जा सकती है.