RBI Webseries: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) अपने काम और 90 साल के शानदार सफर के बारे में देशवासियों को विस्तार से जानकारी देना चाहता है. इसके लिए केंद्रीय बैंक की तरफ से पांच एपिसोड वाली एक वेब सीरीज तैयार करने का प्लान किया जा रहा है. ऑफिशियल जानकारी के अनुसार यह वेब सीरीज करीब तीन घंटे की होगी ओर इसमें हर एपिसोड का टाइम 25-30 मिनट का रहेगा. आरबीआई (RBI) की स्थापना 1935 में हुई थी और अप्रैल में आरबीआई के 90 साल पूरे हो गए हैं.
पांच एपिसोड में कहानी पूरी होने की उम्मीद
ऑफिशियल डॉक्यूमेंट में कहा गया कि बैंक करीब 25-30 मिनट के पांच एपिसोड की एक वेब सीरीज बनाना चाहता है, जिसे राष्ट्रीय टीवी चैनलों या ओटीटी प्लेटफॉर्म पर ब्रॉडकास्ट करने का प्लान है. इसमें आरबीआई की 90 साल की यात्रा का जश्न मनाया जाएगा. आरबीआई ने केंद्रीय बैंक के 90 साल पूरे होने के मौके पर वेब सीरीज के प्रोडक्शन और डिस्ट्रीब्यूशन के लिए ई-टेंडरिंग के जरिये बोली आमंत्रित करने के लिए दस्तावेज जारी किया है.
टीवी चैनल और ओटीटी प्लेटफॉर्म से प्रस्ताव मंगाए
पांच एपिसोड की सीरीज इकोनॉमी में केंद्रीय बैंक की अहम भूमिका के बारे में जनता की समझ बढ़ाने और जुड़ाव पैदा करने में अहम भूमिका निभाएंगे. इसके अलावा केंद्रीय बैंक के ऑपरेशन और नीतियों में विश्वास और भरोसा बनाने के लिए मूल्यवान संसाधन के रूप में काम करेगी. वेब सीरीज के लिए, आरबीआई ने इच्छुक प्रोडक्शन हाउस, टीवी चैनल और ओटीटी प्लेटफॉर्म से प्रस्ताव मंगाए हैं.
नीतियों में पारदर्शिता बढ़ाने का प्रयास
इस प्रोजेक्ट का मकसद व्यापक और आकर्षक सीरीज बनाना है, जो आरबीआई के 90 साल के सफर में उसके कामों और संचालन की खोज प्रदान करे. सामने आई जानकारी में बताया गया कि इस सीरीज में केंद्रीय बैंक के दृष्टिकोण और मिशन को उजागार करना मकसद है. आरबीआई ने कहा, ‘मनोरंजक कहानी, एक्पर्ट इंटरव्यू और हाई क्वालिटी विजुअल के साथ वेब सीरीज केंद्रीय बैंक के संचालन और नीतियों में पारदर्शिता बढ़ाने और विश्वास बनाने का प्रयास करती है.’
आरबीआई ने कहा कि सीरीज का मकसद जटिल वित्तीय अवधारणाओं को दर्शकों के लिए आसान और दिलचस्प बनाना है. इससे वित्तीय साक्षरता में भी मदद मिलेगी. इसके अलावा, सीरीज आरबीआई के लिए एक मूल्यवान संचार उपकरण के रूप में काम करेगी, जो उसकी नीतिगत घोषणाओं और रणनीतिक संदेशों का समर्थन करेगी. साथ ही इकोनॉमी में इसकी अहम भूमिका के बारे में जनता की भागीदारी और समझ को बढ़ावा देगी.