
गर्मी और उमस से बेहाल जनजीवन
छत्तीसगढ़ में इस वक्त भीषण गर्मी और उमस ने आम लोगों के साथ-साथ पशु-पक्षियों और पौधों को भी परेशान कर रखा है। बारिश नहीं होने से जहां किसान चिंतित हैं, वहीं पेयजल संकट और सब्जियों की पैदावार पर भी असर पड़ रहा है।
मवेशी पानी की तलाश में भटकते, सब्जी उत्पादन में गिरावट
गांवों और कस्बों में तालाब व जलस्रोत सूखने लगे हैं। मवेशी पानी की तलाश में इधर-उधर भटकते देखे जा रहे हैं। सब्जियों की कमी से बाजार में कीमतें भी बढ़ रही हैं, जिससे आम उपभोक्ता की जेब पर असर पड़ रहा है।

मौसम विभाग का अलर्ट: 14-15 जून को बारिश की संभावना
मौसम विभाग के ताज़ा अनुमान के मुताबिक, अगले दो दिनों में मौसम में बदलाव के संकेत हैं। दक्षिण-पश्चिम मानसून छत्तीसगढ़ के दक्षिणी हिस्सों में प्रवेश के लिए तैयार है। 14 और 15 जून को कई इलाकों में तेज आंधी, गरज-चमक और बौछारों की संभावना जताई गई है।
मानसून की चाल हुई धीमी, देरी से हो रही है एंट्री
हालांकि मानसून के आगमन की तारीख पहले अनुमान से कुछ धीमी हो गई है, लेकिन जल्द राहत मिलने की उम्मीद है। मौसम विभाग का कहना है कि जलवायु स्थितियां अनुकूल हो रही हैं और जल्द ही अच्छी बारिश देखने को मिल सकती है।
उम्मीद की किरण: किसानों को राहत मिल सकती है
खरीफ फसल की बुवाई की तैयारी कर रहे किसानों को बरसात का बेसब्री से इंतजार है। अगर 14-15 जून को बारिश होती है तो यह शुरुआती राहत के तौर पर कृषि और पर्यावरण दोनों के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है।
