नई दिल्ली. दिल्ली सहित उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में अगले कुछ दिनों तक बारिश के जारी रहने की उम्मीद है. इसके साथ ही हिमालय के पहाड़ों पर भारी बारिश और बर्फबारी के जारी रहने की संभावना है. भारत मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक एक नए पश्चिमी विक्षोभ के 28 जनवरी से उत्तर पश्चिम भारत को प्रभावित करने की संभावना है. इससे पश्चिमी हिमालय के इलाके में हल्की से भारी बरिश और बर्फबारी होने की संभावना है. जबकि 29 और 30 जनवरी को दिल्ली सहित उत्तर पश्चिम के मैदानी इलाकों में बारिश हो सकती है.
आईएमडी ने 29 और 30 जनवरी को पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में अलग-अलग जगहों पर भारी बारिश और बर्फबारी की भी भविष्यवाणी की है. आईएमडी ने 29 जनवरी को हिमाचल प्रदेश में, उत्तराखंड में 29 और 30 जनवरी को, पूर्वी राजस्थान में 28 और 29 जनवरी को और पश्चिम राजस्थान में 29 जनवरी को कई जगहों पर ओले पड़ने की भविष्यवाणी की है.
जबकि देश के कई हिस्सों में पिछले 24 घंटों के दौरान बारिश हुई है. कश्मीर, लद्दाख, गिलगित-बाल्टिस्तान, मुजफ्फराबाद, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड में हल्की से मध्यम बारिश और बर्फबारी देखी गई. लक्षद्वीप, और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, उत्तराखंड, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, विदर्भ, मध्य महाराष्ट्र, मरठवाड़ा और उत्तर आंतरिक कर्नाटक में हल्की से मध्यम वर्षा देखी गई. भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में भी भारी बारिश हुई है.
फरवरी में एक और पश्चिमी विक्षोभ
एक और ताजा पश्चिमी विक्षोभ के 1 फरवरी से पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र को प्रभावित करने की संभावना है. 28 जनवरी तक उत्तर पश्चिम भारत के अधिकांश हिस्सों में न्यूनतम तापमान में 3-5 डिग्री सेल्सियस की गिरावट और उसके बाद अगले 2 दिनों में 3-5 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होने की संभावना है. अगले 48 घंटों के दौरान पंजाब और पश्चिमी राजस्थान के अलग-अलग हिस्सों में और अगले 24 घंटों के दौरान सौराष्ट्र और कच्छ में शीतलहर की स्थिति रहने की संभावना है.
पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ के कुछ इलाकों में सुबह के समय घना से बहुत घना कोहरा छाने की संभावना है. अगले 48 घंटों के दौरान हिमाचल प्रदेश, असम और मेघालय और नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में अलग-अलग इलाकों में घना कोहरा रह सकता है. जबकि पूर्वी भूमध्यरेखीय हिंद महासागर और उससे सटे दक्षिणपूर्व बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है. इसके असर से 27 जनवरी के आसपास बंगाल की खाड़ी के दक्षिण पूर्व और इससे सटे पूर्वी भूमध्यरेखीय हिंद महासागर के ऊपर एक कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है.
इसके बाद के 3 दिनों के दौरान धीरे-धीरे पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने की संभावना है. पूर्वी भूमध्यरेखीय हिंद महासागर और इससे सटे दक्षिण पूर्व बंगाल की खाड़ी में तेज हवा चलने की संभावना है. गुजरात तट और इससे सटे पूर्वोत्तर अरब सागर में तेज हवा चलने की संभावना है. मछुआरों को इन इलाकों में न जाने की सलाह दी गई है.