खनिज विभाग में शराब की बोतल मिलने का वीडियो वायरल, प्रशासन में मचा हड़कंप...

रायपुर। रायपुर स्थित कलेक्टोरेट भवन के खनिज विभाग से एक बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है। सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो ने प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मचा दिया है। वीडियो में देखा जा सकता है कि सरकारी कार्यालय की एक अलमारी के नीचे शराब की बोतल रखी हुई है, जिसे कैमरे में स्पष्ट रूप से रिकॉर्ड किया गया है।

यह वीडियो अब सोशल मीडिया में तेजी से फैल रहा है और लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। वीडियो सामने आने के बाद जहां एक ओर शासन-प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं, वहीं दूसरी ओर लोगों में यह नाराजगी भी देखने को मिल रही है कि आखिर एक जिम्मेदार सरकारी विभाग में इस तरह की लापरवाही और अनुशासनहीनता कैसे हो सकती है? इस वायरल वीडियो की आधिकारिक पुष्टि जनता से रिश्ता नहीं करता है।

बताया जा रहा है कि यह वीडियो खनिज विभाग के दफ्तर का है, जो कलेक्टोरेट की तीसरी मंजिल पर स्थित है। किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा रिकॉर्ड किए गए इस वीडियो में एक लकड़ी की अलमारी के नीचे अल्कोहल ब्रांड की एक बोतल रखी हुई साफ नजर आ रही है, जिससे यह संदेह गहराता जा रहा है कि कहीं कार्यालयीन समय में कर्मचारियों द्वारा शराब सेवन तो नहीं किया जा रहा था?

वायरल वीडियो पर संज्ञान लेते हुए जिला प्रशासन ने तत्काल कार्रवाई के संकेत दिए हैं। प्रारंभिक तौर पर यह माना जा रहा है कि यह कृत्य या तो विभाग के किसी कर्मचारी की लापरवाही का परिणाम है या फिर जानबूझकर विभाग को बदनाम करने की साजिश भी हो सकती है। इस संबंध में खनिज विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने फिलहाल कोई औपचारिक बयान नहीं दिया है।

लेकिन सूत्रों के अनुसार, उच्चाधिकारियों द्वारा विभागीय जांच के आदेश दिए जा चुके हैं। कलेक्टर कार्यालय ने भी इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कार्यालय परिसर में निगरानी और जांच के लिए सीसीटीवी फुटेज खंगालने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। वहीं दूसरी ओर आम नागरिकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस प्रकरण को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उनका कहना है कि “जहां एक ओर सरकार नशा मुक्ति, पारदर्शिता और स्वच्छ प्रशासन की बात कर रही है, वहीं दूसरी ओर सरकारी दफ्तरों में इस तरह की घटनाएं बेहद

शर्मनाक हैं।” इस घटना ने न केवल विभागीय अनुशासन पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि सरकारी प्रतिष्ठानों में शुचिता और नैतिक आचरण की आवश्यकता को भी उजागर किया है। यदि जांच में किसी कर्मचारी की लापरवाही या अनुशासनहीनता प्रमाणित होती है, तो संबंधित के खिलाफ सख्त प्रशासनिक कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है। फिलहाल यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है और प्रशासनिक हलकों में इसकी गंभीरता को देखते हुए जल्द ही कार्रवाई की उम्मीद जताई जा रही है।

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