राजनांदगांव- जिले की साइबर सेल, कोतवाली और बसंतपुर पुलिस ने मिलकर एक बड़े ठग गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो नकली पेन ड्राइव बेचकर लोगों को ठग रहा था. पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके पास से 957 नकली पेन ड्राइव, 33,000 रुपए नगद और दो बाइक बरामद की है.

यह गिरोह शातिर तरीके से काम करता था. वे खुद को नामी कंपनियों का प्रतिनिधि बताकर दुकानदारों को अपने जाल में फंसाता था. उनकी रणनीति बेहद सुनियोजित थी. पहले वे दुकानदारों को अच्छा मुनाफा कमाने का झांसा देते और उन्हें नकली पेन ड्राइव बेचते. दिखने में ये पेन ड्राइव बिल्कुल असली लगता था, लेकिन अंदर केवल प्लास्टिक का खोखा होता था.

गिरोह के सदस्य दो-दो की टीम में काम करते थे. पहला व्यक्ति दुकानदार से बातचीत करता और नकली पेन ड्राइव खरीदने के लिए राजी करता. इसी बीच दूसरा सदस्य ग्राहक बनकर आता और पेन ड्राइव की डील करने का नाटक करता. यह दिखाने के लिए कि पेन ड्राइव की मांग बहुत ज्यादा है, वह फौरन पैसे देकर चला जाता. इससे दुकानदार को भरोसा हो जाता कि उसे भी बड़ा मुनाफा होगा.

शिकायतों के बाद सक्रिय हुई पुलिस

इस गिरोह की पोल तब खुली जब कोतवाली और बसंतपुर थानों में दो दुकानदारों ने शिकायत दर्ज कराई. पहली घटना कोतवाली क्षेत्र के लखोली इलाके की है. शिवकुमार वैष्णव नामक दुकानदार के पास एक व्यक्ति आया, जिसने अपना नाम सतेन्द्र सोलंकी बताया. उसने खुद को किंग्स्टन कंपनी का प्रतिनिधि बताते हुए कहा कि वह उनके दुकान के सामने पेन ड्राइव बेचने का स्टॉल लगाना चाहता है.

उसने शिवकुमार को 10 पेन ड्राइव बेचने का प्रस्ताव दिया और एडवांस के तौर पर 11,000 रुपये ले लिए, लेकिन जब शिवकुमार ने पेन ड्राइव खोलकर देखी तो वे खाली निकली. दूसरी घटना बसंतपुर क्षेत्र में हुई, जहां एक दुकानदार को इसी तरह ठगा गया. ठग ने खुद को सैमसंग कंपनी का प्रतिनिधि बताया और 20 पेन ड्राइव का सौदा कर 22,000 रुपए ठग लिए. शिकायत मिलते ही पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग ने तुरंत कार्रवाई का आदेश दिया.

टीम बनाकर पुलिस ने आरोपियों को दबोचा

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राहुल देव शर्मा और नगर पुलिस अधीक्षक पुष्पेन्द्र नायक के निर्देशन में एक टीम बनाई गई. साइबर सेल, कोतवाली और बसंतपुर थाने के अधिकारियों ने मिलकर आरोपियों को पकड़ने की योजना बनाई. मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने चारों आरोपियों को घेराबंदी कर गिरफ्तार किया. सतेन्द्र सोलंकी और मनीष पाराशर को कोतवाली क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया, जबकि अजय पाराशर और संजय पाराशर को बसंतपुर क्षेत्र से पकड़ा गया.

अन्य शहरों में ठगी कर चुके हैं आरोपी

गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने आरोपियों के पास से 957 नकली पेन ड्राइव, ठगी के 33,000 रुपए नगद, चार मोबाइल फोन और दो बाइक बरामद की. इसके अलावा, नकली पेन ड्राइव को ले जाने के लिए इस्तेमाल किया गया एक ट्रॉली बैग भी जब्त किया गया. गिरफ्तारी के बाद चारों आरोपियों को न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया. पुलिस का कहना है कि यह गिरोह अन्य शहरों में भी ठगी की घटनाओं को अंजाम दे चुका है और उनकी पिछली गतिविधियों की जांच की जा रही है.

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