Income tax update: अगर आप भी कोई स्टार्टअप कर रहे हैं या फिर इसमें पैसा (startup investors) लगाने का प्लान बना रहे हैं तो आपके लिए जरूरी खबर है. आयकर अधिकारी स्टार्टअप निवेशकों (startup investors ITR) द्वारा दाखिल किए गए आईटीआर (ITR) के बारे में विवरण मांग सकते हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि निवेश की गई राशि उनके व्यक्तिगत आईटीआर में दिखाई गई आय के अनुरूप है या नहीं. आयकर विभाग (Income Tax department) ने यह जानकारी दी है.
अश्नीर ग्रोवर की पोस्ट पर दिया जवाब
सोशल नेटवर्किंग मंच एक्स पर भारतपे के सह-संस्थापक अश्नीर ग्रोवर की एक पोस्ट का जवाब देते हुए आयकर विभाग ने कहा कि वित्त अधिनियम 2012 में कहा गया है कि किसी निवेशक को स्टार्टअप में निवासी शेयरधारक से धन के स्रोत के बारे में भी बताना होगा.
ग्रोवर ने उठाया है मुद्दा
ग्रोवर ने यह मुद्दा उठाया था कि ‘पिछले एक महीने में कई स्टार्टअप को टैक्स नोटिस मिले हैं, जिसमें उनके शेयरधारकों के बारे में जानकारी देने को कहा गया है.’
जांच की हो रही मांग
आयकर विभाग ने कहा है कि इस मामले में, प्रतीत होता है कि विभाग ने शेयरधारक-निवेशक द्वारा लेनदेन की वास्तविकता और निवेश के स्रोत की जांच करने की मांग की है, ताकि यह सत्यापित किया जा सके कि निवेश की गई राशि निवेशकों के आईटीआर में दिखाई गई आय के अनुरूप है या नहीं.”
निवेशकों के आईटीआर को किया जा सकता है वेरिफाई
विभाग ने कहा, “वैकल्पिक रूप से, यदि कंपनी द्वारा निवेशकों के ‘पैन’ निर्धारण अधिकारी (AO) के साथ साझा किए जाते हैं, तो वह निवेशकों के आईटीआर को सत्यापित कर सकता है.”