रायपुर। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह शनिवार को कोरबा में आम सभा को संबोधित करेंगे। इस कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ भाजपा के प्रमुख नेता भी शामिल होंगे। केंद्रीय गृह मंत्री झारखंड से रायपुर आएंगे, फिर हेलीकॉप्टर से कोरबा जाएंगे। छत्तीसगढ़ भाजपा प्रभारी ओम प्रकाश माथुर देर शाम रायपुर पहुंचे। वे शाह के साथ जाएंगे। वहीं, सह प्रभारी नितिन नबीन सुबह रायपुर पहुंचे और कोरबा रवाना हो गए।

वहां उन्होंने सभा स्थल की तैयारियों का जायजा लिया। शाह का यह दौरा भाजपा की उस राष्ट्रीय कार्ययोजना का हिस्सा है, जिसमें केंद्रीय नेताओं को हारी हुई लोकसभा सीटों पर जाना है। हालांकि, उनके दौरे को लेकर सियासी कयास तेज हो गए हैं कि वे कार्यकर्ताओं को कौन सा मंत्र देकर जाएंगे। शाह कोरबा में भाजपा के प्रमुख पदाधिकारियों की बैठक भी लेंगे।

कार्यसमिति के बाद जाएंगे माथुर-नबीन

भाजपा प्रभारी ओम प्रकाश माथुर और सह प्रभारी नितिन नबीन कोरबा से रायपुर आएंगे, फिर राजनांदगांव जाएंगे। वहां 8-9 को प्रदेश कार्यसमिति में हिस्सा लेंगे। अमित शाह के साथ बैठक में जिन मुद्दों पर बात होगी, उस पर कार्यसमिति में मंथन किया जाएगा। बैठक में जिलाध्यक्ष के साथ साथ जिला प्रभारी और सह प्रभारी तक को बुलाया गया है। करीब 150 की संख्या में पदाधिकारी मौजूद रहेंगे।

कोरबा, कोयला और ईडी पर कैसा रुख

छत्तीसगढ़ में कोयला परिवहन में प्रति टन 25 रुपए की कथित लेवी के मामले में ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने आईएएस समीर विश्नोई, सूर्यकांत तिवारी सहित कई व्यापारियों को पकड़ा है। सभी जेल में हैं। कांग्रेस इस कार्रवाई को राजनीतिक बताती रही है। इस मुद्दे पर गृहमंत्री शाह का क्या रुख होगा, उस पर सबकी नजर होगी।

जानें 2024 के लिए क्या है भाजपा का प्लान

2019 में हुए लोकसभा चुनाव में जबर्दस्त मोदी लहर के बावजूद भाजपा 144 सीटों पर हार गई थी। भाजपा ने 10 राज्यों की सभी सीटें जीती थीं, जबकि केरल, तमिलनाडु जैसे 11 राज्यों में खाता भी नहीं खोल पाई। वहीं, बिहार और महाराष्ट्र में सहयोगी दलों के साथ जीत हासिल की थी। भाजपा के रणनीतिकारों का अनुमान है कि 2024 में कुछ सीटें घटेंगी। ऐसी स्थिति में उन सीटों पर जीत के लिए प्लेटफॉर्म बनाने की कोशिश की जा रही है, जहां 2019 में हार हुई थी। छत्तीसगढ़ की ऐसी दो सीटें हैं। इनमें कोरबा की जिम्मेदारी अमित शाह को मिली है, जबकि बस्तर सीट की जिम्मेदारी गिरिराज सिंह और बिश्वेश्वर टुडु को मिली है। आने वाले समय में गिरिराज सिंह और टुडु का दौरा भी प्रस्तावित है।

कोरबा और बस्तर में नोटा से बड़ा नुकसान

छत्तीसगढ़ में भाजपा 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में 15 सीटों पर सिमट गई थी, लेकिन 6 महीने बाद लोकसभा चुनाव में 9 सीटें जीती थी। जिन विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा की हार हुई थी, उन्हीं में से 60 से ज्यादा में भाजपा को लोकसभा चुनाव में कांग्रेस से ज्यादा वोट मिले थे। कोरबा और बस्तर में भाजपा को नोटा से काफी नुकसान हुआ था। कोरबा में कांग्रेस प्रत्याशी ज्योत्सना महंत और भाजपा प्रत्याशी ज्योतिनंद दुबे के बीच हार-जीत का अंतर 26249 वोटों का था। इसी तरह बस्तर सीट पर कांग्रेस के दीपक बैज और भाजपा के बैदूराम कश्यप के बीच हार जीत का अंतर 38982 वोटों का था। कोरबा में जहां नोटा पर 19305 वोट पड़े थे, वहीं बस्तर में 41667 वोट पड़े थे।

कोरबा लोकसभा

ज्योत्सना महंत – 523310

ज्योतिनंद दुबे – 497061

अंतर – 26249

नोटा – 19305

बस्तर लोकसभा

दीपक बैज – 402527

बैदूराम कश्यप – 363545

अंतर – 38982

नोटा – 41667

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