पखांजूर/ छत्तीसगढ़ के पखांजूर कोर्ट ने रिश्तों को शर्मसार करने वाले मामले में ऐतिहासिक और सख्त फैसला सुनाया है। अपनी ही नाबालिग भांजी से दुष्कर्म करने वाले आरोपी मामा को 10 साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है। अदालत के इस फैसले से यह स्पष्ट हो गया है कि कानून में ऐसे अपराधों के लिए कोई जगह नहीं है, चाहे आरोपी रिश्तेदार ही क्यों न हो।

बाथरूम गई नाबालिग को बनाया शिकार

यह अमानवीय वारदात 5 अक्टूबर 2023 की रात को हुई थी, जब आरोपी बट्टू व्यापारी ने घर में मौजूद अपनी नाबालिग भांजी को उस वक्त निशाना बनाया जब वह बाथरूम गई थी। आरोपी ने पीड़िता का मुंह कपड़े से बांध दिया और उसके बाद दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया।

घटना की जानकारी मिलते ही परिजनों ने तुरंत पखांजूर थाना में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए POCSO एक्ट सहित अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज किया।

अदालत ने सुनाया कठोर निर्णय

मामले की विस्तृत सुनवाई के बाद, अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश, पखांजूर ने आरोपी को दोषी करार देते हुए 10 वर्षों की कठोर सजा सुनाई।

यह फैसला समाज में यह संदेश देने के लिए महत्वपूर्ण है कि
“कानून के आगे न रिश्ता मायने रखता है, न रुतबा – अपराधी को सजा ज़रूर मिलेगी।”

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