मुंबई: महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने गुरुवार को कहा कि उनकी पार्टी वी. डी. सावरकर का बहुत सम्मान करती है और वह स्वतंत्रता सेनानी पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी की टिप्पणी से सहमत नहीं हैं. शिवसेना के एक धड़े के प्रमुख ठाकरे ने यहां पत्रकारों से बातचीत में यह भी पूछा कि केंद्र ने हिंदुत्व विचारक सावरकर को भारत रत्न क्यों नहीं दिया. उन्होंने कहा, ‘हम सावरकर पर राहुल गांधी की टिप्पणी को स्वीकार नहीं करते हैं. वीर सावरकर के प्रति हमारे मन में अपार सम्मान और आस्था है और इसे खत्म नहीं जा सकता.’
उनके बेटे एवं महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे पिछले सप्ताह राहुल गांधी के नेतृत्व वाली ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में शामिल हुए थे. अपनी यात्रा के तहत मंगलवार को वाशिम जिले में आयोजित एक रैली के दौरान गांधी ने कहा था कि सावरकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रतीक हैं. कांग्रेस सांसद ने कहा था, ‘वह (सावरकर) दो-तीन साल तक अंडमान में जेल में रहे। उन्होंने दया याचिकाएं लिखनी शुरू कर दीं.’
गांधी ने दावा किया था, ‘सावरकर ने खुद पर एक अलग नाम से एक किताब लिखी थी और बताया था कि वह कितने बहादुर थे. वह अंग्रेजों से पेंशन लेते थे, उनके लिए काम करते थे और कांग्रेस के खिलाफ काम करते थे.’ इसके बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट पर निशाना साधा था.
इसका जवाब देते हुए, उद्धव ठाकरे ने कहा, ‘यह हास्यास्पद है जब माता-पिता या उनकी संतान (जाहिर तौर पर आरएसएस और भाजपा का जिक्र करते हुए) जिनका स्वतंत्रता संग्राम से कोई संबंध नहीं है, सावरकर के लिए प्यार व्यक्त करते हैं.’
उन्होंने कहा कि आरएसएस 100 साल पूरे कर रहा है, लेकिन यह स्वतंत्रता संग्राम का हिस्सा नहीं था. उन्होंने कहा कि उन्हें सावरकर के बारे में बात करने का अधिकार नहीं है. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘सावरकर जिन्होंने स्वतंत्रता के लिए बलिदान दिया … उसी स्वतंत्रता की आज भी रक्षा करने की जरूरत है.’ उन्होंने कहा, ‘जब राहुल गांधी सावरकर के बारे में कुछ कहते हैं तो आप हमसे सवाल पूछते हैं.’
उद्धव ठाकरे ने 2015 में भाजपा और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के बीच हुए गठबंधन का जिक्र करते हुए कहा, ‘मैंने विधानसभा में यह पूछा था कि क्या यह देशभक्ति है जब आप उस पीडीपी (जम्मू-कश्मीर में महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली पीडीपी) के बगल में बैठते हैं जो न तो ‘भारत माता की जय’ का नारा लगाती है और न ही ‘वंदे मातरम्’ गाती है.’