महाराष्ट्र|News T20: महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर द्वारा पिछले हफ्ते मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के पक्ष में फैसला सुनाया गया।

इसके बाद भी सेना बनाम सेना विवाद खत्म होता नहीं दिख रहा है। इस फैसले में नार्वेकर ने फैसले में बताया था कि उद्धव ठाकरे के पास शिंदे को पार्टी से निकालने का कोई अधिकार नहीं है। जिसकी वजह से शिंदे शिवसेना के सदस्य बने रहेंगे।

स्पीकर के फैसले को चुनौती

पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने आज (सोमवार) स्पीकर के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दिया है। ठाकरे ने उन सभी सांसदों को अयोग्य ठहराया जिन्होंने अविभाजित शिवसेना को छोड़कर शिंदे गुट में शामिल होने का फैसला लिया था। नार्वेकर के फैसले का पूर्व मुख्यमंत्री ने आलोचना भी की है। उनके द्वारा अपने बागी विधायकों को बर्खास्त करने की मांग की जा रही है।

लोकतंत्र की हत्या

ठाकरे ने नार्वेकर के तर्क को सर्वोच्च न्यायालय का “अपमान” और “लोकतंत्र की हत्या” भी बताया है। बता दें कि जून 2022 में दोनों गुटो का विभाजन हुआ। जिसके बाद दोनों गुटों ने एक दूसरे के खिलाफ अयोग्यता नोटिस जारी किया था। शिंदे गुट की सूची में 16 और ठाकरे गुट की सूची में 14 विधायकों ने समर्थन किया था। ठाकरे गुट ने टीम शिंदे के 40 विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिका दायर की थी। पिछले साल फरवरी में, चुनाव आयोग ने शिंदे गुट को मान्यता दी। उसे दिवंगत बालासाहेब ठाकरे द्वारा स्थापित अविभाजित पार्टी के धनुष और तीर चुनाव चिन्ह का स्वामित्व दिया।

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