टीवी इंडस्ट्री के जाने-माने अभिनेता हितेन तेजवानी (Hiten Tejwani) ने मनोरंजन जगत में अपने 25 साल पूरे कर लिए हैं। दर्शकों को जहां पर्दे पर उनकी सफलता और मुस्कान दिखती है, वहीं उनके संघर्ष के दिन बेहद कठिन रहे हैं। हाल ही में सिद्धार्थ कन्नन के पॉडकास्ट में हितेन ने अपने करियर के शुरुआती दिनों की चुनौतियों और संघर्ष भरे पलों को याद किया।
“22 घंटे काम करता था, ड्राइवर तक भाग जाते थे”
हितेन ने बताया कि टेलीविजन के शुरुआती दिनों में वे दिन-रात बिना रुके काम करते थे। उन्होंने कहा,
“मैं घर सिर्फ फ्रेश होने के लिए जाता था। मैंने कई ड्राइवर रखे, लेकिन कोई टिक नहीं पाया क्योंकि वे मेरे काम के घंटे झेल नहीं पाते थे।”
उन्होंने यह भी बताया कि एक बार काम के थकान भरे दिन के बाद गाड़ी चलाते वक्त झपकी आने से कार डिवाइडर से टकरा गई, लेकिन सौभाग्य से कोई बड़ी दुर्घटना नहीं हुई।
आर्थिक तंगी ने किया मजबूर, कम मेहनताने पर भी किया काम
हितेन तेजवानी ने बताया कि शुरुआत में मुख्य भूमिका निभाने के बावजूद उन्हें बहुत कम फीस मिलती थी।
“सुकन्या शो में मुझे सिर्फ ₹1000 प्रतिदिन मिलते थे और हम महीने में सिर्फ 12 दिन शूट करते थे। कुटुम्ब में भी मैंने ज्यादा पैसे नहीं मांगे क्योंकि उस वक्त मुझे काम की जरूरत थी।”
उन्होंने कहा कि जब उन्हें पहली बार ₹1 लाख का चेक मिला तो वे भावुक हो गए।
“मैंने खुद वह चेक जाकर लिया था। उस वक्त लगा कि मेहनत का फल आखिर मिल ही गया।”
जमीन पर सोकर काटी रातें, लाइट बंद कर क्रू मेंबर्स करवाते थे आराम
हितेन ने बताया कि टीवी शोज़ में डबल शिफ्ट करना आम बात थी।
“हमारा टाइम सुबह 9 बजे से रात 9 बजे तक का होता था, लेकिन अक्सर शूटिंग सुबह 5 बजे तक चलती थी और अगली शिफ्ट 7 बजे शुरू हो जाती थी।”
उन्होंने आगे कहा —
“मैं कभी-कभी सेट पर ही जमीन पर सो जाता था। कुछ क्रू मेंबर्स लाइट बंद कर देते थे ताकि मैं कुछ देर आराम कर सकूं।”
आज भी संघर्ष के दिन नहीं भूले हितेन
हितेन तेजवानी आज टेलीविजन के सफल अभिनेताओं में से एक हैं, लेकिन उन्होंने साफ कहा कि सफलता के पीछे सिर्फ मेहनत और धैर्य है।
“आज अगर लोग मुझे पहचानते हैं तो वो सिर्फ मेरी लगन और स्ट्रगल का नतीजा है।”