‘तुहर टोकन’ मोबाइल ऐप लॉन्च: किसानों को मिलेगी घर बैठे धान बेचने की सुविधा...

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने किसानों की सुविधा के लिए एक और बड़ी पहल की है। खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के लिए खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने नया ‘तुहर टोकन मोबाइल एप’ लॉन्च किया है।
इस ऐप की मदद से किसान अब घर बैठे ही धान विक्रय हेतु टोकन प्राप्त कर सकेंगे, जिससे उन्हें समितियों में लंबी कतारों से राहत मिलेगी।

अब मोबाइल से बनेगा टोकन – गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध

‘तुहर टोकन’ मोबाइल ऐप गूगल प्ले स्टोर पर डाउनलोड के लिए उपलब्ध है।
इस ऐप में किसान को आधार आधारित OTP के माध्यम से पंजीयन करना होगा।
किसान प्रतिदिन सुबह 8 बजे से टोकन आवेदन कर सकते हैं।
यह व्यवस्था पूरी तरह डिजिटल और पारदर्शी होगी।

छोटे, सीमांत और बड़े किसानों के लिए अलग टोकन लिमिट

खाद्य सचिव रीना बाबा साहेब कंगाले के अनुसार,
धान खरीदी प्रक्रिया में पारदर्शिता और सुविधा बनाए रखने के लिए किसानों को भूमि के अनुसार टोकन दिए जाएंगे –

  • सीमांत कृषक (2 एकड़ या कम) ➜ 1 टोकन

  • लघु कृषक (2 से 10 एकड़) ➜ 2 टोकन

  • दीर्घ कृषक (10 एकड़ से अधिक) ➜ 3 टोकन

टोकन जारी करने की समय सीमा

  • आवेदन का समय – रविवार से शुक्रवार, सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक

  • जारी टोकन – अगले 7 खरीदी दिवसों के लिए मान्य
    धान खरीदी केंद्र की प्रतिदिन की खरीदी सीमा का 70% हिस्सा मोबाइल ऐप से प्राप्त टोकनों के लिए आरक्षित रहेगा।

टोकन वितरण का अनुपात

इस 70% में से –

  • 80% हिस्सा लघु एवं सीमांत किसानों के लिए,

  • 20% हिस्सा दीर्घ कृषकों के लिए आरक्षित रहेगा।

उदाहरण के लिए,
यदि किसी उपार्जन केंद्र की प्रतिदिन खरीदी सीमा 1000 क्विंटल है,
तो उसमें से 700 क्विंटल मोबाइल ऐप से आरक्षित होंगे –
जिसमें 560 क्विंटल लघु व सीमांत किसानों और 140 क्विंटल दीर्घ कृषकों के लिए रहेंगे।

सोसाइटी स्तर पर भी मिलेगा 30% टोकन

शेष 30 प्रतिशत टोकन सोसाइटी स्तर पर किसानों के लिए उपलब्ध रहेंगे।
इससे सभी वर्गों के किसानों को धान बेचने के लिए समान अवसर और सुविधा प्राप्त होगी।

आधुनिक तकनीक से पारदर्शी खरीदी व्यवस्था

‘तुहर टोकन मोबाइल एप’ किसानों को आधुनिक तकनीक के जरिए सशक्त करेगा।
यह पहल खरीदी व्यवस्था में समानता, पारदर्शिता और समय की बचत सुनिश्चित करेगी।
राज्य सरकार का यह कदम किसानों को डिजिटल इंडिया के तहत आधुनिक कृषि प्रणाली से जोड़ने की दिशा में बड़ा कदम है।

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