रायपुर। बीजेपी ने सीएम भूपेश बघेल को घेरने के लिए उनके निर्वाचन क्षेत्र पाटन के हाट सीट के लिए सांसद और सीएम के भतीजे विजय बघेल को मैदान में उतारा है, वहीं एक और हाट सीट अंबिकापुर में उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव को टक्कर देने के लिए दमदार प्रत्याशी नहीं मिल पा रहा है। भाजपा ने 2018 में अनुराग सिंहदेव को उतार कर देख लिया है। अनुराग सिंहदेव तीन बार टीएस सिंहदेव से भिड़ चुके है लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी।
एक चर्चा तो ये है कि बीजेपी आलाकमान अब अम्बिकापुर से डमी कैंडिडेट उतारने के मूड में नही है और टी एस सिंहदेव के सामने जिताऊ कंडीडेट बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती है। अब अनुराग सिंहदेव के चुनाव लड़ने से इंकार करने के बाद बीजेपी यहां उलझ कर रह गई है।
बीजेपी के पास जो पैनल है उसमें तीन नाम है लेकिन पत्ता खोल नहीं पा रही है। अंबिकापुर का चुनावी किला बीजेपी के संभावित प्रत्याशी से बहुत ऊंचा होने के कारण भाजपा के पास जो नाम है वो सिंहदेव के कद मुकाबले बहुत छोटा है।
बीजेपी की दूसरी सूची मे दूसरी हाई प्रोफाइल सीट अम्बिकापुर से बीजेपी ने कोई भी नाम तय नहीं कर पाई है। अब अम्बिकापुर के बीजेपी नेता और राजनीति म दिलचस्पी रखने वाले नेताओं मे मंत्रणा का दौर चल रहा है। गौरतलब है कि अम्बिकापुर सीट से डिप्टी सीएम टी एस सिंहदेव कांग्रेस के तय उम्मीदवार माने जा रहे है। ऐसे में इसके पहले बीजेपी में जिन तीन नाम को यहाँ से प्रत्याशी के लिए भेजा था। उस पर अब तक मुहर ना लग पाने से तरह तरह की चर्चाएँ होने लगी है।
14 सीट पर कांग्रेस कब्जा
सरगुजा संभाग की 14 सीटों पर 2018 में हुए चुनाव में सभी सीटों पर बीजेपी का हार का मुँह देखना पडा था. और कांग्रेस ने सभी 14 सीट जीतकर सूबे में कांग्रेस सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। इसके साथ ही प्रदेश में कांग्रेस का 15 साल का वनवास भी खत्म हुआया था।
2018 के चुनाव में ये चर्चा थी कि अगर कांग्रेस सरकार बनती है तो टी एस सिंहदेव सीएम बनेंगे. और सरगुजिहा सरकार के नारे का ऐसा असर हुआ कि संभाग से बीजेपी का सूपडा साफ हो गया था। पर इस बार परिस्थितियाँ 2018 जैसी नहीं है। ऐसा खुद टी एस सिंहदेव सार्वजनिक मंच में कह चुके है। बहरहाल देखना दिलचस्प होगा कि आखिर जिस अम्बिकापुर सीट को लेकर बीजेपी आलाकमान इतनी लंबी मंत्रणा कर रहा है।उसका परिणाम क्या निकलता है।