रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने हाइड्रोजन से चलने वाले ट्रकों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह पहल हरित ऊर्जा आधारित लॉजिस्टिक्स सिस्टम की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।

टाटा मोटर्स की दो एडवांस टेक्नोलॉजी से लैस हैं ट्रक

इस ट्रायल में टाटा मोटर्स की Hydrogen Mobility Technology के तहत दो प्रमुख तकनीकों का उपयोग किया गया है:

  • H2-ICE (Hydrogen Internal Combustion Engine)

  • H2-FCEV (Hydrogen Fuel Cell Electric Vehicle)

इस ट्रायल में टाटा के दो प्रमुख मॉडल्स शामिल हैं:

  • टाटा प्राइमा H.55S – जिसमें H2-ICE और FCEV दोनों वेरिएंट शामिल हैं

  • टाटा प्राइमा H.28 – एडवांस H2-ICE इंजन से युक्त

300 से 500 किलोमीटर की दमदार रेंज

इन ट्रकों की ऑपरेशनल रेंज 300 से 500 किलोमीटर तक है, जिससे लॉन्ग डिस्टेंस ट्रांसपोर्टेशन पहले से अधिक टिकाऊ, किफायती और पर्यावरण मित्र बनेगा।

बेहतर सुरक्षा, ड्राइवर कम्फर्ट और उन्नत टेक्नोलॉजी

इन हाइड्रोजन ट्रकों में शामिल हैं:

  • प्रीमियम प्राइमा कैबिन

  • एडवांस ड्राइवर-असिस्ट सेफ्टी फीचर्स

  • बेहतर सस्पेंशन सिस्टम

यह फीचर्स ड्राइवर की थकान कम करेंगे और आरामदायक अनुभव प्रदान करेंगे, साथ ही ट्रांसपोर्ट इंडस्ट्री के लिए सुरक्षा के नए मानक भी स्थापित करेंगे।

हरित ऊर्जा की दिशा में छत्तीसगढ़ का अग्रणी कदम

छत्तीसगढ़ अब ग्रीन हाइड्रोजन आधारित ट्रांसपोर्ट तकनीक को अपनाने वाला अग्रणी राज्य बन गया है। इससे न सिर्फ प्रदूषण में कमी आएगी, बल्कि लॉजिस्टिक्स सेक्टर में नई संभावनाओं के द्वार भी खुलेंगे।

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