डीजल की खपत 8.24 मिलियन टन तक पहुंची, कृषि और परिवहन क्षेत्रों की मांग में इज़ाफा

नई दिल्ली/रायपुर। भारत में अप्रैल 2024 के महीने में पेट्रोलियम उत्पादों की मांग में तेज़ उछाल दर्ज किया गया है, जो देश की आर्थिक गतिविधियों में मजबूती की ओर इशारा करता है।
पेट्रोलियम प्लानिंग एंड एनालिसिस सेल (PPAC) के ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक, डीजल की खपत बढ़कर 8.24 मिलियन टन हो गई, जो अब तक की दूसरी सबसे बड़ी मासिक खपत मानी जा रही है।

कृषि और लॉजिस्टिक्स सेक्टर से मिली मजबूती

इस खपत में बढ़ोतरी का मुख्य कारण कृषि क्षेत्र में बुवाई गतिविधियां और परिवहन के लिए बढ़ती डीजल जरूरत है।
डिज़ल की कुल खपत में करीब 40% हिस्सेदारी होने के कारण, इसमें इज़ाफा देश की आर्थिक गति को दर्शाता है।

पेट्रोल की मांग में भी सालाना 4.6% की बढ़त

अप्रैल 2024 में पेट्रोल की खपत बढ़कर 3.44 मिलियन टन हो गई, जो पिछले साल की तुलना में 4.6 प्रतिशत अधिक है।
हालांकि पिछले वर्ष लोकसभा चुनाव प्रचार के कारण खपत में 19% की जबरदस्त वृद्धि देखी गई थी, फिर भी इस वर्ष की वृद्धि वाहनों की बिक्री में सुधार को दिखाती है।

एलपीजी की मांग में 6.7% की वृद्धि, उज्ज्वला योजना बनी मुख्य वजह

अप्रैल में एलपीजी खपत 2.62 मिलियन टन दर्ज की गई, जो 6.7% अधिक है।
इसका श्रेय प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना को जाता है, जिससे ग्रामीण व शहरी गरीब परिवारों को सुलभ रसोई गैस मिल रही है।
साथ ही होटलों और रेस्तरां में व्यावसायिक एलपीजी की मांग में भी इज़ाफा हुआ।

एविएशन टरबाइन फ्यूल (ATF) की खपत में 3.25% वृद्धि

व्यावसायिक हवाई यात्रा में भी बढ़ोत्तरी देखी गई।
अप्रैल 2024 में ATF की खपत 7.66 लाख टन रही, जो पिछले वर्ष की तुलना में 3.25 प्रतिशत ज्यादा है।

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