
रायपुर/ दीपावली और छठ जैसे बड़े त्योहारों के नजदीक आते ही छत्तीसगढ़ से बाहर काम करने और पढ़ाई करने वाले लोग अपने घर लौटने की तैयारी में हैं। लेकिन इस बार भी सफर आसान नहीं होगा। रेलवे की नियमित गाड़ियां लगभग फुल हो चुकी हैं। जिन यात्रियों ने समय रहते टिकट नहीं बुक की, उनके लिए अब केवल पूजा स्पेशल ट्रेनों का ही विकल्प बचा है।
मुंबई रूट की प्रमुख ट्रेनें फुल
छत्तीसगढ़ से बड़ी संख्या में लोग मुंबई, पुणे, ठाणे, कल्याण और वसई-विरार जैसे शहरों में काम करते हैं। त्योहारों पर घर लौटने वाले यात्रियों के लिए स्थिति कठिन बनी हुई है।

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हावड़ा मेल (12809): 11 से 30 अक्टूबर तक नो रूम
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एलटीटी-शालीमार (18029): 15 से 30 अक्टूबर तक नो रूम
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गीतांजलि एक्सप्रेस (12859): 15 से 30 अक्टूबर तक नो रूम
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समरसता सुपरफास्ट (12151): 15 से 30 अक्टूबर तक वेटिंग/नो रूम
हावड़ा रूट पर भी स्थिति गंभीर
पश्चिम बंगाल के प्रवासी यात्रियों को भी घर लौटने में कठिनाई का सामना करना पड़ेगा।
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हावड़ा-मुंबई मेल (12810): 3 से 15 अक्टूबर तक नो रूम
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गीतांजलि (12860): 3 से 13 अक्टूबर तक फुल
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शालीमार-एलटीटी (18030): 3 से 13 अक्टूबर तक नो रूम
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हावड़ा-अहमदाबाद एक्सप्रेस: लगातार फुल
बिहार और यूपी जाने वालों के लिए मुश्किल
छत्तीसगढ़ से बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश लौटने वाले यात्रियों के लिए दुर्ग-छपरा सारनाथ एक्सप्रेस (15160) प्रमुख सहारा है। लेकिन अक्टूबर महीने में इस ट्रेन में भी वेटिंग और नो रूम की स्थिति बनी हुई है।
पूजा स्पेशल ट्रेनें बनी यात्रियों का सहारा
त्योहारों में बढ़ती भीड़ को देखते हुए रेलवे ने कई पूजा स्पेशल ट्रेनें चलाई हैं। इनमें अभी भी सीटें उपलब्ध हैं:
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बिलासपुर-हडपसर (पुणे) पूजा स्पेशल (08265/08266)
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तारीख: 22 और 23 अक्टूबर
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क्लास: एसी सेकंड, एसी थ्री, इकोनॉमी
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स्टॉपेज: बिलासपुर, रायपुर, दुर्ग, गोंदिया
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बिलासपुर-यलहंका (बेंगलुरु) पूजा स्पेशल (08261/08262)
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19 नवंबर तक हर मंगलवार और बुधवार
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एसी और स्लीपर क्लास में पर्याप्त सीटें
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दुर्ग-सुल्तानपुर पूजा स्पेशल (08763/08764)
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30 नवंबर तक हर शनिवार और रविवार
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स्टॉपेज: रायपुर, दुर्ग, शहडोल, उमरिया
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दुर्ग-हजरत निजामुद्दीन पूजा स्पेशल (08760/08761)
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5 अक्टूबर से 24 नवंबर तक हर रविवार और सोमवार
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सभी क्लासों में बड़ी संख्या में बर्थ उपलब्ध
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