
बालोद (छत्तीसगढ़)। जिले में एक शासकीय स्कूल की रसोइया ललिता साहू (48) ने ट्रेन के सामने कूदकर आत्महत्या कर ली। हादसा इतना भयावह था कि शव कई टुकड़ों में बिखर गया। पहचान केवल साड़ी, चूड़ी और चप्पल के आधार पर हो सकी।
घटना स्थल: लाटाबोड़ और सिकोसा गांव के बीच

🔸 घटना रविवार रात की है।
🔸 महिला ने बालोद की ओर जा रही ट्रेन के सामने छलांग लगाई।
🔸 मृतका ग्राम बोरी (लाटाबोड़) की रहने वाली थी।
स्कूल में करती थीं रसोइया का काम
🔹 ललिता साहू स्थानीय शासकीय स्कूल में रसोइया के पद पर कार्यरत थीं।
🔹 उनके पति मंजू राम साहू पेशे से मिस्त्री हैं।
🔹 बेटी की शादी हो चुकी थी, बेटे की शादी की तैयारियाँ चल रही थीं।
बीमारी और मानसिक तनाव बना आत्महत्या की वजह?
🔸 परिजनों के अनुसार, ललिता पिछले 7 वर्षों से पेट संबंधी बीमारियों से जूझ रही थीं।
🔸 4 साल पहले भी उन्होंने कीटनाशक पीकर आत्महत्या की कोशिश की थी।
🔸 हाल ही में वे अत्यधिक तनाव और मानसिक परेशानी में थीं।
पोस्टमॉर्टम के बाद परिजनों को सौंपा गया शव
🔹 शव की हालत इतनी खराब थी कि चेहरा तक पहचानना मुश्किल हो गया।
🔹 पुलिस ने शव को पॉलीथिन में पैक कर परिजनों को सौंपा।
🔹 बालोद थाना प्रभारी रविशंकर पांडेय ने बताया कि मर्ग कायम किया गया है।
🔹 मौत के वास्तविक कारण का पता पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और परिजनों के बयान के बाद चलेगा।
गायब होने पर खेतों में की गई थी तलाश
🔸 महिला के लापता होने पर परिजनों ने सोचा कि वो खेत गई होंगी।
🔸 जब रात तक घर नहीं लौटीं तो तलाश शुरू की गई।
🔸 इसी दौरान रेलवे ट्रैक पर शव मिलने की सूचना मिली।
