बस्तर के केशकाल से दूसरी बार के विधायक संतराम नेताम छत्तीसगढ़ विधानसभा के नए उपाध्यक्ष होंगे। मंगलवार शाम हुई कांग्रेस विधायक दल की बैठक में उनके नाम के प्रस्ताव पर चर्चा हुई है। हालांकि इस प्रस्ताव पर कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव और प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा ने सवाल खड़ा कर दिया। उन्होंने साफ शब्दों में पूछ लिया कि इस नाम का प्रस्ताव लाने से पहले केंद्रीय नेतृत्व से अनुमोदन क्यों नहीं लिया गया?
छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन देर शाम मुख्यमंत्री निवास में कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई। इसमें नई प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा पहली बार शामिल हो रही थीं। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत को फोन कर बैठक में शामिल होने का न्यौता दिया। उसके बाद डॉ. महंत भी पहली बार विधायक दल की बैठक में शामिल हुए।
इस दौरान बात विधानसभा उपाध्यक्ष के चुनाव को लेकर हुई। इससे पहले इस पद पर भानुप्रतापपुर विधायक मनोज कुमार मंडावी थे। 16 अक्टूबर को उनके निधन से यह सीट खाली हो गई। बताया जा रहा है, वहां कोण्डागांव विधायक मोहन मरकाम को उपाध्यक्ष बनाने की बात थी लेकिन कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी की वजह से उनके नाम पर बात आगे नहीं बढ़ी।
बाद में केशकाल विधायक संतराम नेताम का नाम आया। बताया जा रहा है, प्रभारी की ओर से उठे सवाल के बाद संगठन ने केंद्रीय नेतृत्व से अनुमोदन के लिए भी नेताम का नाम भेजा है। बुधवार को उपाध्यक्ष पद के लिए नामांकन होगा। अगर एक से अधिक नामांकन आए तो पांच जनवरी को विधानसभा उपाध्यक्ष का चुनाव होगा।
संगठन को सर्वोच्च प्राथमिकता का सूत्र दे गईं शैलजा
कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा विधायक दल की बैठक में करीब 30 से 40 मिनट तक रहीं। इस दौरान उन्होंने निर्णयों में संगठन को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की बात कही। उन्होंने विधायकों को दो टूक शब्दों में कह दिया कि अब उन्हें रायपुर की जगह अपने क्षेत्रों में हर समय मौजूद रहना होगा। वहां कार्यकर्ताओं और जनता से लगातार संवाद कर माहौल बनाए रखना है। बाद में कुमारी सैलजा हवाई अड्डे के लिए रवाना हो गईं जहां से उन्हें दिल्ली जाना था।
दूसरी बार के विधायक हैं नेताम
संतराम नेताम केशकाल विधानसभा क्ष्रेत्र से दूसरी बार विधायक बने हैं। पहली बार उन्होंने 2013 के चुनाव में जीत हासिल की। 2018 के विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने 48.33% वोट हासिल किया था। इससे पहले वे बड़ेराजपुर जनपद पंचायत के सदस्य के तौर पर जनप्रतिनिधि बन चुके थे।
पुलिस की नौकरी छोड़कर राजनीति में आए
संतराम नेताम प्रदेश के उन नेताओं में से एक हैं, जो पुलिस की नौकरी छोड़कर राजनीति में आए। कोण्डागांव के पलना गांव में जन्में संतराम नेताम ने एलएलबी किया है। उसके बाद वे पुलिस में भर्ती हो गए थे। 17 साल पुलिस सेवा के बाद उन्होंने कांग्रेस की सदस्यता ले ली। जनपद पंचायत के रास्ते विधानसभा में प्रवेश किया। उनके छोटे भाई अब भी पुलिस सेवा में हैं।