Banking Result इन दिनों कंपनियां अपने तिमाही नतीजे जारी कर रही हैं. इस बीच दो बैंकों ने अपने तिमाही परिणाम जारी किए हैं. इनमें आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया शामिल है. दोनों ही बैंकों ने शानदार नतीजे जारी किए हैं. इस दौरान आईडीएफसी फर्स्ट बैंक का चौथी तिमाही में कर पश्चात लाभ दोगुना होकर 803 करोड़ रुपये हो गया है, जबकि सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया का मुनाफा चौथी तिमाही में 84 प्रतिशत बढ़कर 571 करोड़ रुपये हो गया.

आईडीएफसी फर्स्ट बैंक

निजी क्षेत्र की आईडीएफसी फर्स्ट बैंक का मार्च 2023 तिमाही में कर पश्चात लाभ (पीएटी) 134 प्रतिशत वृद्धि के साथ 803 करोड़ रुपये रहा. बैंक ने शनिवार को यह जानकारी दी. बैंक ने बताया कि मार्च 2022 तिमाही में उसका लाभ 343 करोड़ रुपये रहा था. बैंक ने एक बयान में बताया, “पूरे बीते वित्त वर्ष के लिए शुद्ध लाभ 2,437 करोड़ रुपये रहा, जबकि वित्त वर्ष 2021-22 में यह 145 करोड़ रुपये रहा था.”

तिमाही नतीजे

बैंक का मुख्य परिचालन लाभ सालाना आधार पर 61 प्रतिशत बढ़कर 1,342 करोड़ रुपये हो गया. बैंक ने मार्च, 2023 तिमाही में अपना अभी तक का सर्वाधिक तिमाही लाभ जबकि 2022-23 वित्त वर्ष में सर्वाधिक वार्षिक लाभ कमाया. वित्त वर्ष 2022-23 के लिए शुद्ध ब्याज आय (एनआईआई) 30 प्रतिशत बढ़कर 12,635 करोड़ रुपये हो गई, जो वित्त वर्ष 2021-22 में 9,706 करोड़ रुपये थी. तिमाही आधार पर एनआईआई जनवरी-मार्च, 2023 तिमाही में 35 प्रतिशत बढ़कर 3,597 करोड़ हो गई, जो जनवरी-मार्च, 2022 की तिमाही में 2,669 करोड़ रुपये थी.

सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया

वहीं सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया का शुद्ध लाभ मार्च 2023 को समाप्त तिमाही में 84.19 प्रतिशत बढ़कर 571 करोड़ रुपये हो गया.  बैंक ने बताया कि जनवरी-मार्च 2021-22 में उसका शुद्ध लाभ 310 करोड़ रुपये था. बैंक ने एक बयान में कहा, ”वित्त वर्ष 2022-23 की चौथी तिमाही में परिचालन मुनाफा सालाना आधार पर 16.27 फीसदी बढ़कर 2,108 करोड़ रुपये रहा. यह आंकड़ा 2021-22 की चौथी तिमाही में 1,813 करोड़ रुपये था.”

चौथी तिमाही

बीते वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में शुद्ध ब्याज आय (एनआईआई) सालाना आधार पर 45.35 प्रतिशत बढ़कर 3,513 करोड़ रुपये हो गई. समीक्षाधीन अवधि में शुद्ध राजस्व (ब्याज आय और अन्य आय) सालाना आधार पर 33.44 प्रतिशत बढ़कर 8,567 करोड़ रुपये हो गया. बैंक ने आगे कहा कि 2022-23 में उसका शुद्ध लाभ 51.39 प्रतिशत बढ़कर 1,582 करोड़ रुपये हो गया. यह आंकड़ा 2021-22 में 1,045 करोड़ रुपये था.

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