
ब्रिटेन के बर्मिंघम की रहने वाली 38 साल की अलेक्सिया कोस्टाडिना खुद को पगान हाई प्रीस्टेस कहती हैं। वे बीते 20 सालों से पगान गॉड्स की पूजा कर रही हैं। हालांकि कई लोग उन्हें “चुड़ैल” कहकर बुलाते हैं, लेकिन उनका कहना है कि यह धारणा पूरी तरह गलत है।
साधारण महिला, लेकिन जादुई जीवन
अलेक्सिया बताती हैं कि वह और उनके जैसी महिलाएं सामान्य जीवन जीती हैं, लेकिन उनका जीवन जादुई परंपराओं और विश्वासों से जुड़ा है। वह एक चैरिटी वर्कर भी हैं और 13 महिलाओं के एक “कोवेन” (समूह) की मुखिया हैं। इस समूह की उम्र 27 से 60 साल तक की महिलाओं की है।

पगानिज्म: एक प्राचीन आस्था
पगानिज्म एक ऐसा विश्वास है जो प्राकृतिक चक्रों और प्राचीन देवताओं की पूजा पर आधारित है। इसमें ज़ीउस और एंशिएंट हॉर्न्ड वन जैसे देवताओं का पूजन शामिल है। अलेक्सिया कहती हैं –
“हम सामान्य लोग हैं। बस हम पेंटाग्राम पहनते हैं, अनुष्ठानों के उपकरण रखते हैं और घर पर अल्टार (मंदिर) बनाते हैं।”
कैसे हुई शुरुआत?
बचपन में अलेक्सिया ग्रीक ऑर्थोडॉक्स क्रिश्चियन थीं, लेकिन धीरे-धीरे चर्च से दूरी बना ली। उन्होंने छोटे बुकशॉप्स और रहस्यवादी स्टोर्स से पगानिज्म की पढ़ाई की और फिर अपना खुद का कोवेन – “टिड मोना” बनाया।
विशेष अनुष्ठान और गुप्त परंपराएं
उनका समूह नियमित रूप से
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मंत्र पढ़ता है,
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विशेष समारोह आयोजित करता है,
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बदलते मौसम का उत्सव मनाता है,
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और संरक्षण, न्याय और धैर्य के लिए प्राचीन मंत्रों का उच्चारण करता है।
महत्वपूर्ण बात यह है कि उनके अनुष्ठानों में कभी भी खून की बलि नहीं दी जाती।
सोशल मीडिया पर गलतफहमी
अलेक्सिया मानती हैं कि सोशल मीडिया ने पगानिज्म को पहचान दिलाई है, लेकिन गलत जानकारी भी फैलाई है। वह स्पष्ट कहती हैं –
“हम बुरी आत्माओं की पूजा नहीं करते। बल्कि चैरिटी और सकारात्मक ऊर्जा का प्रसार करते हैं। कोई भी इस आस्था को सीख सकता है और इसमें शामिल हो सकता है।”
