
वैनॉल सुरंगों का अनोखा इतिहास
यूके के उत्तर वेल्स में स्थित वैनॉल सुरंगें दशकों से रहस्यों और असामान्य घटनाओं से भरी हैं। इन सुरंगों को मूल रूप से रेल यातायात के लिए बनाया गया था, लेकिन इनका इतिहास इसे और भी रोचक बनाता है।
द्वितीय विश्व युद्ध में सुरंगों के ऊपर कैदी शिविर बने और 2012 में इन्हें दुनिया के सबसे हाई-टेक गांजा खेतों में बदल दिया गया था। अब इन सुरंगों को फिर से ट्रेनों की आवाजाही के लिए खोलने की संभावना पर विचार चल रहा है।

सुरंगों का निर्माण और शुरुआती हादसे
पहली सुरंग का उद्घाटन हुआ और महज चार महीने बाद बैंगोर ट्रेन हादसा हुआ, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई। सात साल बाद कैर्नारफॉन की ग्रिफिथ्स क्रॉसिंग पर एक महिला की भी ट्रेन से मौत हो गई।
1871 में दूसरी सुरंग बनी, जो दो-तरफा ट्रैफिक के लिए तैयार की गई थी। इसके बाद भी सुरंगें दुर्घटनाओं का केंद्र बनी रहीं।
द्वितीय विश्व युद्ध में सुरंगों की भूमिका
द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, सुरंगों के ऊपर कैदी शिविर बनाया गया। इसमें 60 विदेशी कैदी रखे गए थे और ब्रिटिश सैनिकों ने पहरा दिया। कैदियों ने कभी भागने की कोशिश नहीं की।
लाइन फरवरी 1972 में बंद कर दी गई, लेकिन इसके पहले कई घटनाएँ हुईं, जिनमें पास के पुलपर पर भीषण आग शामिल थी।
गांजा और मशरूम फार्मिंग का विवाद
1980 के दशक में सुरंगों को शूटिंग रेंज के रूप में इस्तेमाल किया गया। 2000 में यहाँ म्यूजिक फेस्टिवल हुआ, जिसने 2006 तक 35,000 लोगों को आकर्षित किया।
2009 में मशरूम फार्मिंग के नाम पर सुरंगों का उपयोग वैध रूप से हुआ, लेकिन कुछ अवैध गांजा स्कीम भी संचालित की गई। मई 2012 में पुलिस ने धावा बोला और चार आरोपी जेल भेजे गए।
वैनॉल सुरंगों का भविष्य
Transports for Wales (TfW) की 2025 की फिजिबिलिटी स्टडी में बताया गया है कि बैंगोर-एफॉन वेन रूट को बहाल किया जा सकता है। इसके लिए निजी जमीन अधिग्रहण और 79 रोड क्रॉसिंग से निपटना होगा।
वर्तमान में ये सफेद सुरंगें वीरान हैं, लेकिन अपने अंदर 50 वर्षों का इतिहास और रहस्य समेटे हुए हैं।
