कुदरत ने न जाने क्या-क्या चीज़ें इस धरती पर बनाई हैं. कुछ तो इतनी विचित्र होती हैं कि आ बस देखकर दंग रह जाते हैं. सिर्फ जीव-जंतु या इंसान नहीं बल्कि पेड़-पौधों की भी ऐसी प्रजातियां हैं, जो बेहद अनोखी हैं. आज हम आप आपको एक ऐसे ही अनोखे पेड़ के बारे में बताएंगे, जो साबित कर देगा कि वाकई पेड़ों में जान के साथ-साथ जज़्बात भी होते हैं.
आपने अक्सर देखा होगा कि जब किसी पेड़ को काटा या उसकी पत्तियां तोड़ी जाती हैं, तो उसमें से चिपचिपा पदार्थ निकलता है. कई बार ये सफेद दूध जैसा होता है तो कई बार ट्रांसपैरेंट गोंद के जैसा. हालांकि जिस पेड़ के बारे में हम बात कर रहे हैं, उसे काटने पर लाल रंग का ऐसा द्रव निकलता है, जो बिल्कुल इंसान के खून जैसा होता है.
पेड़ काटते ही बह निकलता है खून
आपको ये अजीब लग सकता है लेकिन ब्लडवुड ट्री के नाम के मशहूर इस पेड़ को काटते ही इसमें से लाल रंग का खून रिसता है. इसका साइंटिफिक नाम ‘सेरोकारपस एंगोलेनसिस’ है, लेकिन इसे किआट मुकवा या मुनिंगा भी कहते हैं. पेड़ पर कुल्हाड़ी न भी मारी जाए, तो इसकी डाली टूटने पर भी लाल लिक्विड निकलता है, जो हूबहू खून जैसा दिखता है. इसी वजह से लोग इस पेड़ को चमत्कारी भी मानते हैं. इससे दवाएं बनती हैं और इस लिक्विड से आंखों, पेट की बीमारी और मलेरिया को भी ठीक किया जाता है. इस पेड़ की लकड़ी भी काफी कीमती होती है.
आखिर क्यों निकलता है ब्लड …
लकड़ी से निकलता हुआ तरल पदार्थ खून जैसा भले ही लगता हो, लेकिन ये खून नहीं है. ज्यादातर पेड़ों में ये तरल पदार्थ होता है, जिसे टैनिस कहते हैं. अब फर्क ये है कि आम पेड़-पौधों में इसकी मात्रा 12 से 20 फीसदी होती है लेकिन ब्लडवुड में इसकी मात्रा 77 फीसदी होती है. टैनिस की ज्यादा मात्रा की वजह से ही पेड़ से निकलने वाला लिक्विड खून की तरह लाल होता है. इसे टेस्ट करने भर से डाइजेशन सिस्टम में दिक्कत हो जाती है, ऐसे में इसे पेड़ का नेचुरल डिफेंस सिस्टम माना जा सकता है.