आपने मोगली की कहानी जरूर सुनी होगी, जिसमें जंगल में रहने वाला बच्चा इंसानों को मिल जाता है. लेकिन एक लड़के साथ ठीक इसका उल्टा ही हो गया था. वह जंगल में ही रह जाता लेकिन किस्मत ने खेल खेला रवांडा के जंगलों में जंगली जानवरों के साथ रहने के लिए अपने घर से भागे इस युवा लड़के की कहानी का सुखद अंत हुआ. जांजीमन एली को “असली जिंदगी का मोगली” कहा जाता है.. इसकी शक्ल की वजह से इसे जंगल भगा दिया गया था यहां तक कि इसे बंदर तक कह दिया गया था, जबकि शक्ल की वजह एक बीमारी थी.
जांजीमन को “असली जिंदगी का मोगली” कहे जाने की वजह 2021 में यूट्यूब पर उनके जीवन के बारे में प्रसारित की गई एक डॉक्यूमेंट्री थी. क्लासिक डिज्नी फिल्म द जंगल बुक में भेड़ियों द्वारा पाले गए एक लड़के मोगिल की कहानी से तुलना किए जाने के कारण युवक को यह नाम मिला. जांजीमन को घर से भागने के लिए मजबूर होना पड़ा, क्योंकि क्रूर बदमाशों ने उसकी शक्ल को लेकर उसका जीवन दुखमय बना दिया था. कथित तौर पर उसे “बंदर” भी कहा जाता था.
दरअसल जांजीमन माइक्रोसेफली नामक बीमारी से पीड़ित है, जिसमें एक बच्चा सामान्य से बहुत छोटे सिर के साथ पैदा होता है. लेकिन उसका जीवन तब बदल गया जब एक फिल्म क्रू उसके बारे में एक डॉक्यूमेंट्री बनाने के लिए अफ्रीकी देश में आया, जहां वह अपने परिवार से फिर से मिला.
जांजीमन आज 25 साल के माने जाते हैं और उसका जन्म का साल 1999 बताया जाता है. मीडिया में उसकी आखिरी उपस्थिति में उसे पहचानना मुश्किल है. डॉक्यूमेंट्री निर्माता अफ़्रीमैक्स टीवी ने एक “गोफंडमी” पेज बनाया, जिस पर दुनिया भर से कई दान प्राप्त हुए. इसने जांजीमन और उनकी मां को एक साथ एक नया जीवन बनाने का मौका दिया.
2022 की फुटेज में एली को अपनी स्कूल यूनिफ़ॉर्म में बहुत ही शानदार तरीके से देखा जा सकता है और वह अपनी मां के साथ घर पर जीवन का आनंद लेता दिखता हैं. उसकी मां का कहना है कि उसका अविश्वसनीय बदलाव किसी “चमत्कार” से कम नहीं है. जांजीमन के बारे में आखिरी बार सार्वजनिक की गई जानकारी यह थी कि उसने बाइक चलाना भी सीख लिया था, और खुद को साफ करने और अपने कपड़े धो सकता था.