रायपुर / छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग ने सूचना देने में लापरवाही बरतने पर दो जन सूचना अधिकारियों पर 25- 25 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है। इन अधिकारियों में एक तत्कालीन तहसीलदार और एक तत्कालीन उप अभियंता शामिल है। राज्य सूचना आयुक्त मनोज त्रिवेदी ने सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत प्राप्त आवेदन के निराकरण में लापरवाही बरतने और समय सीमा में क्रियान्वयन नहीं  किये जाने पर संबंधित जनसूचना अधिकारियों पर यह अर्थदंड लगाया है। एक प्रकरण की सुनवाई के दौरान पाया गया कि रायपुर तहसील के तत्कालीन जन सूचना अधिकारी को मार्च 2019 में आवेदक द्वारा सीमांकन से संबंधित दस्तावेजों आदि का अवलोकन करने का आवेदन दिया गया था।

किंतु जन सूचना अधिकारी के द्वारा 3 वर्ष विलंब से आवेदक को अवलोकन के लिए सूचना जारी किया गया। इस संबंध में आयोग के द्वारा तत्कालीन जन सूचना अधिकारी को जवाब देने के लिए नोटिस जारी किया गया, जिसका कोई जवाब उनके द्वारा नहीं दिया गया। इस कारण से तत्कालीन जन सूचना अधिकारी एवं तहसीलदार रायपुर एवं वर्तमान में क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी बिलासपुर अमित बेक पर 25 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया गया है।

एक अन्य प्रकरण में नगर पालिका रतनपुर के तत्कालीन जन सूचना अधिकारी द्वारा नामांतरण संबंधी फाइलों से संबंधित दस्तावेजों की जानकारी आवेदक के द्वारा चाहे जाने के विषय पर मूल आवेदन का समय सीमा में निराकरण नहीं करने और आयोग को जवाब नहीं प्रस्तुत करने के कारण तत्कालीन जन सूचना अधिकारी एवं उप अभियंता एवं वर्तमान में नगर पालिका परिषद बड़े बचेली जिला दंतेवाड़ा में पदस्थ देवेंद्र पहाड़ी पर 25 हजार रुपये का अर्थदंड आरोपित किया गया है। अर्थदंड की राशि शासकीय कोष में जमा करने के लिए संबंधित जन सूचना अधिकारियों के नियंत्रण अधिकारियों को निर्देशित किया गया है।

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