मथुरा । फर्जी नाम से उत्तर प्रदेश पुलिस में सिपाही बनकर नौकरी कर रहा युवक पकड़ में आया है। मथुरा के रहने वाले कांस्टेबल मनोज कुमार के खिलाफ उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती बोर्ड के एडिशनल एसपी ने लखनऊ के हुसैनगंज थाने मे फर्जी दस्तावेज तैयार कर जलसाजी और धोखाधड़ी की एफआईआर दर्ज कराई है। ये युवक फर्जी नाम से पहले छत्तीसगढ़ में भी नौकरी कर चुका था।
दरअसल 5 साल पहले 22 जून 2018 को एसएसपी मथुरा को एक गुमनाम चिट्ठी मिली। इस चिट्ठी में शिकायत की गई कि मथुरा के राया थाना क्षेत्र के रहने वाले मनोज कुमार ने अन्य पिछड़ा वर्ग में फर्जी दस्तावेजों के सहारे नौकरी हासिल की है। इससे पहले वह छत्तीसगढ़ पुलिस में सुमित कुमार के नाम से नौकरी कर रहा था जिसे छोड़कर वह भाग गया और अब उत्तर प्रदेश पुलिस में मनोज कुमार बनाकर नौकरी कर रहा है।
बता दें, मनोज का असली नाम सुमित कुमार है। इस पत्र के आधार पर जांच शुरू हुई। तो जांच में हैरान करने वाले खुलासे हुए। मनोज कुमार का 22 जनवरी 2022 से सिपाही पद पर चयन निरस्त कर दिया गया। नियुक्ति रद्द होने के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती व प्रोन्नति बोर्ड ने समिति गठित कर दस्तावेजों की जांच करवाई।
बोर्ड को मिले दस्तावेजों में मथुरा के सीओ महावन की जांच रिपोर्ट भी थी जिसमें साफ लिखा था कि सुमित कुमार ने ही मनोज कुमार के नाम से उत्तर प्रदेश पुलिस में कांस्टेबल के पद पर आवेदन किया था और चयनित भी हुआ है। इससे पहले मनोज कुमार छत्तीसगढ़ सशस्त्र पुलिस में सुमित कुमार बनकर नौकरी कर रहा था। छत्तीसगढ़ सशस्त्र पुलिस का भगोड़ा होने के बाद सुमित कुमार ने अपना नाम बदलकर मनोज कुमार किया और यूपी पुलिस आरक्षी भर्ती 2015 भर्ती हो गया।
इतना ही नहीं सुमित कुमार ने अपना ही फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाया करवाया और परिवार रजिस्टर में सुमित कुमार के साथ मनोज कुमार का नाम बढ़ाकर फर्जी परिवार रजिस्टर का प्रमाण पत्र भी बना लिया। उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती व प्रोन्नति बोर्ड ने फर्जी दस्तावेजों के सहारे सुमित कुमार से मनोज कुमार बनकर कांस्टेबल बनने वाले इस जालसाज पर लखनऊ के हुसैनगंज थाने में फर्जी दस्तावेज तैयार कर धोखाधड़ी करने की एफआईआर दर्ज करवाई। इस मामले में कार्रवाई की गई और आरोपी मनोज की भर्ती निरस्त कर दी गई है। पुलिस इस मामले में आगे भी जांच कर रही है।